बिहार में पशु तस्करी में लिप्त लोगों पर कसेगी नकेल: उपमुख्यमंत्री - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

बिहार में पशु तस्करी में लिप्त लोगों पर कसेगी नकेल: उपमुख्यमंत्री

बिहार के उपमुख्यमंत्री-सह- पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष में बिहार राज्य पशु कल्याण बोर्ड की बैठक संपन्न हुई

पटना ,(पंजाब केसरी): बिहार के उपमुख्यमंत्री-सह- पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री  तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित कार्यालय कक्ष में बिहार राज्य पशु कल्याण बोर्ड की बैठक संपन्न हुई, जिसमें उन्होंने राज्य के विभिन्न इलाकों में रेल मार्ग एवं सड़क मार्ग के द्वारा हो रही पशुओं के तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि खास तौर पर सीमांचल क्षेत्र में रेलमार्गों तथा सड़क मार्ग के द्वारा मवेशियों की तस्करी हो रही है, जिसपर कारगर रूप से नकेल कसने की जरूरत है। 
उन्होंने कहा कि मवेशी तस्करी, पशु क्रूरता और अत्याचार की रोकथाम की दिशा में पूरी संवेदनशीलता के साथ ठोस पहल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पशु तस्करी और क्रूरता पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के सुसंगत धाराओं के मुताबिक जिला पशुपालन पदाधिकारी स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर विधि सम्मत् कार्रवाई करें तथा चेक पोस्ट बनाकर जांच करते हुए ठोस कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि पशु क्रूरता एवं अत्याचार पर नियंत्रण के लिए
स्थापित कानून है। इस कानून के अंतर्गत मवेशियों की आवाजाही हेतु समुचित प्रबंध किये गये है। मवेशियों के आवागमन के लिए निर्धारित स्थान की आवश्यकता, आवागमन के दौरान दुधारू मवेशियों के साथ बछड़े के रहने की अनिवार्यता सहित अन्य विभिन्न प्रावधान अधिनियम के अंतर्गत सुनिश्चित किये गये हैं। साथ ही, मवेशियों के आवागमन के पूर्व रजिस्टर्ड चिकित्सक का प्रमाण पत्र लिया जाना अनिवार्य है। लेकिन, इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन में नियमों की कहीं-न-कहीं अनदेखी की जा रही है, इसे रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर पशुपालन विभाग के अंतर्गत जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में पशु क्रूरता एवं अत्याचार नियंत्रण के लिए समिति गठित है। इस समिति की नियमित बैठकें समय पर हों।  उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि पशु बधशाला का नगर विकास विभाग एवं पशुपालन विभाग यथाशीघ्र अद्यतन प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं ताकि इसकी गहन समीक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक थाना से पशु तस्करी के दर्ज मामलों की समीक्षा पुलिस मुख्यालय के स्तर से होगी, खास तौर पर सीमावर्ती 15 जिलों के पुलिस उप महानिरीक्षक पशु तस्करी की रोकथाम हेतु नियमित रूप से समीक्षा करें।
उन्होंने कहा कि पशुपालकों द्वारा दूध उतारने की दृष्टि से प्रयोग की जाने वाली ऑक्सीटोसिन दवा के अनाधिकृत बिक्री पर रोक लगाने की दिशा में प्रभावी कार्रवाई की जाए। इसके लिए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के औषधि नियंत्रक के माध्यम से कार्रवाई सुनिश्चित करने के साथ-साथ आवश्यक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तस्करी के क्रम में पकड़े गए पशुओं को रखने एवं खाने-पीने के लिए संचालित योजना के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले 7 जिलों एवं अंतरराज्यीय सीमा वाले 15 जिलों को प्रति जिला 03 लाख रुपये एवं 16 जिलों को प्रति जिला 02 लाख रुपये की दर से राशि उपलब्ध कराई गई है, ताकि तस्करी के क्रम में पकड़े गए पशुओं के लिए चारा, दाना, भोजन, पशु दवा इत्यादि की व्यवस्था समुचित रूप से हो सके। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि पशुपालन निदेशालय विभागीय योजनाओं एवं प्रावधानों की जानकारी के लिए आवश्यक  पशुपालकों के बीच आवश्यक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें एवं समुचित मॉनिटरिंग हो।
 बैठक के दौरान पशुपालन विभाग के निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक सहित अन्य वरीय पदाधिकारीगण एवं बिहार राज्य पशु कल्याण बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।

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