नई दिल्ली : वित्त मंत्री सीतारमण ने सोने पर सीमा शुल्क बढ़ाने, अमीरों पर कर अधिभार बढ़ाने और पेट्रोल, डीजल पर शुल्क बढ़ाने का बचाव करते हुये शनिवार को कहा कि देश के आर्थिक विकास और आम आदमी के लिये बुनियादी सुविधायें खड़ी करने के लिये संसाधन जुटाना जरूरी है। वित्त वर्ष 2019-20 का बजट पेश करने के एक दिन बाद यहां संवाददाताओं से खास बातचीत में सीतारमण ने कहा कि विदेशों से सोने का आयात करने, पेट्रोलियम पदार्थों के आयात में अहम विदेशी मुद्रा खर्च होती है। दूसरी तरफ देश में राजमार्गों, हवाईअड्डों, रेल परियोजनाओं, अस्पतालों और सार्वजनिक परिवहन पर बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है।
यही नहीं माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में भी सरकार ने कई वस्तुओं पर कर की दर घटाकर करोड़ों रुपये के राजस्व लाभ उपभोक्ताओं को दिया है। सीतारमण से जब दो करोड़ रुपये, पांच करोड़ रुपये की कमाई करने वालों पर ऊंची दर से अधिभार लगाये जाने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि आम जनता के लिये खड़ी की जानी वाली ढांचागत सुविधाओं के लिये संसाधन जुटाने की आवश्यकता है। सार्वजनिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है। कर आधार बढ़ाने की जरूरत है। सरकार आपको सुविधायें उपलब्ध करा रही है, छोटा सा हिस्सा आप से ले रही है।
उल्लेखानीय है कि बजट में 2 से 5 करोड़ रुपये के बीच सालाना कमाई करने वालों पर 25 प्रतिशत की दर से तथा 5 करोड़ रुपये से अधिक कमाई करने वालों पर 37 प्रतिशत की दर से अधिभार लगाया गया है। सोने पर आयात शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आभूषण निर्माता यदि आभूषण निर्यात के लिये कच्चे माल के तौर पर सोने का आयात करते हैं तो उसपर सीमा शुल्क नहीं लगता है। निर्यात के लिये किये जाने वाले आयात पर शुल्क नहीं लगता है। लेकिन यदि आप घरेलू खपत के लिये सोने का आयात करते हैं तो देश को भी आप कर के रूप में थोड़ा दे सकते हैं।