दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास हुए विस्फोट की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने मंगलवार को सीसीटीवी फुटेज जारी किया जिसमें विस्फोट के लिए जिम्मेदार दो लोग संदिग्ध अवस्था में देखे गये हैं। एजेंसी ने दोनों संदिग्धों का पता बताने वालों को 10-10 लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा भी की है।
एनआईए ने प्रत्येक संदिग्ध की गिरफ्तारी के लिए सही सूचना देने के वास्ते अलग-अलग इनामी राशि रखी है। एजेंसी ने आधिकारिक बयान में कहा, ‘‘हम हमले के दिन घटनास्थल के पास घूमते हुए देखे गए दो व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने में मदद मांग रहे हैं।’’ एनआईए नयी दिल्ली स्थित इजरायली दूतावास के पास विस्फोट के संबंध में दो संदिग्ध लोगों (जैसा कि सीसीटीवी फुटेज में देखा गया है) की पहचान करने में मदद करने के लिए जानकारी मांग रहा है। इस संबंध में किसी भी सूचना के आधार पर संदिग्ध लोगों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए 10-10 लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा। यदि आप किसी को पहचानते हैं तो इस ईमेल आईडी पर इसकी जानकारी दें – डीओ.एनआईएञ्चजीओवी.इन, आईएनएफओ.एनआईएञ्चजीओवी.इन, फोन – 01।24368800, मोबाइल नं.- 96544473451
जिंदल हाउस से सटे पांच एपी)जे अब्दुल कलाम रोड के पास शाम लगभग 0500 बजे एक कम तीव्रता वाला इम्प्रोवाइज्ड उपकरण विस्फोट हो गया। पास में खड़ तीन वाहनों की खिड़की के शीशे को छोड़कर किसी भी व्यक्ति को चोट नहीं आई और न ही संपत्ति को कोई नुकसान हुआ। यह मामूली विस्फोट 29 जनवरी, 1992 को भारत और इत्रराइल के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की वर्षगांठ के दिन हुआ।
विस्फोट के तुरंत बाद, दिल्ली पुलिस ने घटनाओं के क्रम का पता लगाने के लिए आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जाँच की। अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस के फोरेंसिक विशेषज्ञ विस्फोटक के नमूने लेने के लिए मौके पर थे और कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था जिसने देखा फुटपाथ के पास आईईडी रखने वाला कोई है।
बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे एक आतंकवादी कृत्य करार दिया और एक मित्र राष्ट्र के साथ इसके संबंधों के निहितार्थ के कारण जांच को एनआईए को सौंप दिया।