प्रदूषण को लेकर एक्शन में दिल्ली सरकार, धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए गाइडलाइंस जारी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

प्रदूषण को लेकर एक्शन में दिल्ली सरकार, धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए गाइडलाइंस जारी

दिल्ली सरकार ने देश की राजधानी दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली में प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार एक्शन मोड में आ गई है

देश की राजधानी दिल्ली के बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली में प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार एक्शन मोड में आ गई है। सरकार ने धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पांच गाइडलाइंस जारी की हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को ये गाइडलाइंस जारी कीं और कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की सभी एजेंसियों के साथ ही सभी को निर्माण स्थल पर धूल प्रदूषण रोकने के लिए इनका पालन करना होगा। 
सोमवार को दिल्ली एनसीआर में वायु की गुणवत्ता खराब श्रेणी में दर्ज की गई। तो वहीं जहांगीरपुरी 319, विवेक विहार 345 और आईटीओ 322 पर हवा बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई। वैज्ञानिकों के मुताबिक बुधवार तक मामूली सुधार हो सकता है लेकिन अभी पराली जलाने के मामले 3 साल में सबसे ज्यादा है। हवा की गति कम होने और तापमान कम होने के चलते प्रदूषक तत्त्वों के हवा में जमा होने के कारण राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता मंगलवार सुबह बहुत खराबश्रेणी में पहुंच गई। 
इस मौसम में पहली बार हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हुई है। दिल्ली सरकार की ओर से धूल नियंत्रण के लिए जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक निर्माण या किसी तरह की तोड़फोड़ करते समय निर्माण स्थल की ऊंचाई से तीन गुना या अधिकतम 10 मीटर ऊपर तक टिन कवर के साथ ही ग्रीन नेट या तिरपाल लगाना अनिवार्य होगा।
निर्माण या तोड़फोड़ वाले स्थल पर पानी के छिड़काव की उचित व्यवस्था और धूल को दबाने के लिए पानी का लगातार छिड़काव करना जरूरी होगा। 20 हजार वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाली जगह पर एंटी स्मॉग गन लगाना भी जरूरी होगा। निर्माण स्थल पर मलबा भी पूरी तरह से ढका होना चाहिए। कोई भी गाड़ी, जो निर्माण स्थल या तोड़फोड़ वाले स्थल पर आवागमन कर रही है, वह गाड़ी और उसके टायर पानी से धुले होने चाहिए। गाड़ी पर रखी सामग्री ढकी होनी चाहिए।
रविवार-सोमवार रात पराली की आग करीबन 614 स्थानों पर दिखाई दी है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी तंत्र सफर ने भी आने वाले दिनों में हवा के रुख में बदलाव की वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक में हल्के सुधार की उम्मीद जताई है। हालांकि, सोमवार को पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर इस मौसम में अब तक का सबसे ज्यादा दर्ज किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

fourteen − 1 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।