नई दिल्ली : दिल्ली की सड़कों पर बेकाबू होकर भाग रही गाड़ियों की रफ्तार में कमी लगनी शुरू हो गई। रिंग रोड पर सराय काले खां से लेकर धौला कुआं तक नौ जंक्शन पर रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) व स्पीड वॉयलेशन डिटेक्शन सिस्टम की शुरुआत कर दी गई। दिल्ली पुलिस जहां पहले से ही 24 जंक्शन पर आरएलवीडी लगाने की कवायद में थी, वहीं मारूति सुजुकी की तरफ से पहले ही इसकी शुरुआत कर दी गई।
उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस योजना की शुरुआत की, जिसे मारूति सुजुकी की तरफ से सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी) फंड किया गया है। योजना का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता के साथ यातायात नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करना है, तो वहीं टेक्नोलॉजी के माध्यम से सड़क सुरक्षा को प्रोत्साहित करना भी इसका उद्देश्य है। उपराज्यपाल अनिल बैजल की तरफ से बताया गया कि पहल का मुख्य उद्देश्य वाहन चालकों और सड़क पार करने वाले पैदल यात्रियों को एक सुरक्षित माहौल प्रदान करना है, तो वहीं सड़क सुरक्षा नियमों के अनुपालन में सुधार करना है।
उन्होंने आगे बताया कि यह परियोजना तकनीक के बेहतर क्रियान्वयन एवं यातायात नियमों को पालन करने की संस्कृति को बढ़ाएगी। यह प्रणाली मोटर चालकों के साथ-साथ पैदल यात्रियों की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाएगी और यातायात को सुचारू रूप से चलाने से दुर्घटनाएं कम करेगी। बताया जा रहा है कि सिस्टम को धौला कुंआ और सराय काले खां के बीच 14 किलोमीटर के रिंग रोड कॉरिडोर में लगाया गया है, जो गहन यातायात वाले नौ जंक्शन को कवर करेगा। दिल्ली में यह अपनी तरह की पहली परियोजना है, जो सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप देश में सड़क दुर्घटनाओं एवं इनके कारण होने वाली मौतों की संख्या को कम करने में मदद करेगी।
सिस्टम में थ्रीडी राडार और 100 से अधिक हाई-रेजोल्यूशेन कैमरे हैं, जिनके तहत वाहनों व यातायात नियमों के उल्लंघन पर पूरी निगरानी रखी जा सकेगी। लाल बत्ती पार करना, गति सीमा का उल्लंघन, स्टॉप लाईन का उल्लंघन, गलत साइड पर वाहन चलाना या वाहन के पंजीकरण नंबर से संबंधित उल्लंघन कैमरे में कैद हो जाएगें, जिसके बाद तकनीकी माध्यमों का सहारा लेकर वाहन चालक के मोबाइल पर नोटिस भेज दिया जाएगा। मोबाइल की व्यवस्था न होने पर ई-मेल अथवा पोस्ट से भी नोटिस की कॉपी जा सकती है। कार्यक्रम में पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।