विदिशा : मध्यप्रदेश में आगामी समय में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक ओर जहां प्रशासन तैयारियों में जुटा है, तो वही दूसरी ओर भाजपा, कांग्रेसी सहित अन्य राजनैतिक दलों में भी उठापठक प्रारंभ हो गई है।प्रत्याशियों के बीच टिकट पाने को लेकर जंदोजहद जारी है। वैसे अभी प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर घोषणा नहीं हुई है। परंतु प्रत्याशियों और राजनैतिक पार्टियां जनता का रूख जानने के लिए तरह तरह के सर्वे करवा रही है।
बदलती स्थिति में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के माथे पर चिंता की लकीर उभर रही है। प्रत्याशियों के नामों को लेकर भी अंदरूनी रण नीति बनने लगी है। क्योंकि दल चाहते है कि जीत दिला सकने वाले व्यक्तियों को भी प्रत्याशी बनाया जाए। तो वही भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संध इस प्रयास में जुट गए है कि पिछड़ा वर्ग व सामान्य वर्ग को साथ लिया जाए। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में एससी की 35, एसटी की 47 सीट आरक्षित है। तो वही 148 सीटों पर सर्वण और ओवीसी के लोग ही जीतते है अब सभी का प्रयास है कि इस वर्ग को साधकर ज्यादा से ज्यादा सीट जीती जा सकें। विदिशा जिले की भी पांचों सीटों में से दो सीटों पर कांग्रेस काबेज है।
भाजपा उन सीटों पर दमदार प्रत्याशी उतारने का प्रयास कर रही है, तो वही कांग्रेस भाजपा की सीटों पर सेंघ मारने की तैयारी कर रही है। यदि कांग्रेस गुटवाजी से उवर गई तो भाजपा के गढ़ में सेंघ लगा सकती है। क्योंकि इस बार किसी की भी राह आसान नहीं। विदिशा जिले के पांचों विधानसभा सीटों पर सर्वे कार्य जारी है और जीतने वाले प्रत्याशियों की नाम की तलाश भाजपा , कांग्रेस द्वारा की जा रही है विदिशा जिले की गंजबासौदा व सिरोंज विधानसभा सीटों पर कांग्रेस तथा विदिशा शमशाबाद व कुरवाई में भाजपा काबिज है। पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा, कांग्रेस सहित अन्य राजनैतिक दल सक्रिय है।