आदरणीय भोलानाथ जी की सोच और प्रयास है गुजरांवाला शाखा। उनके जाने का हम सबको गम है, दुख है, नुकसान है, परन्तु गुजरांवाला शाखा तो उनके आशीर्वाद से उनकी बहू विधू विज और उनकी बेटी समान गीता नैय्यर चला रही हैं। विधू विज, जो सभी ब्रांच हैड में सबसे छोटी उम्र की हैं, अपने पिता ससुर के दिखाये मार्ग पर चल रही हैं। दोनों की जोड़ी खूब मेहनत करती है। अभी थोड़ा ही समय हुआ है आदरणीय भोलानाथ जी को गए तो मैंने बड़े सहमे लिहाज से दोनों को पूछा कि क्या आप अपनी ब्रांच का प्रोग्राम दे पाओगे, तो दोनों का एक ही जवाब था कि जो हम सबका ऐम है शो मस्ट गो ऑन तो यह भी प्रोग्राम होगा और दोनों बहुत इमोशनल थीं कि यह ब्रांच आदरणीय भोला जी की प्रेरणा थी। उनकी अच्छी सोच थी तो यह हमेशा वैसे ही चलेगी जैसा वो चाहते थे।
ब्रांच में सबसे पहले शुरूआत की मीना गुप्ता जी ने उन्होंने क्लब की प्रार्थना गाई इतनी शक्ति हमें देना दाता, वह तो गुजरांवाला टाऊन की कोयल ही हैं। फिर विधू और गीता नैय्यर ने मिलकर गाया कि ‘जिन्दगी एक सफर है सुुहाना, कल क्या हो किसने जाना’। वाक्या ही एक मिनट का भरोसा नहीं जो समय मिले उसे हंसकर गुजारना चाहिए। सौरभ नैय्यर, जो युवा नेता हैं, आदरणीय भोलानाथ जी के युवा साथी और गीता नैय्यर का बेटा है, ने आदरणीय भोलानाथ जी के बारे में इतना अच्छा वर्णन किया कि वो क्या थे वो एक सम्पूर्ण व्यक्ति थे। वो एक सोच थे जो हमेशा जीवित रहते हैं। उनकी अपनेपन एवं दूसरों की मदद करने की सोच थी। देशभक्ति की हमारे देश के सारे युवा इस तरह की सोच रखें जैसे सौरभ की है तो देश का भविष्य मजबूत युवाओं के हाथों में होगा। फिर हमारे बहुत ही प्रिय सदस्य लक्ष्मण दत्त जी ने भोलानाथ जी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और बताया कि कैसे उनकी माता जी बीमार हुईं तो उन्होंने उनकी सहायता की। यह सच है इंसान चला जाता है उनके काम जीवित रह जाते हैं। फिर लक्ष्मण जी ने भजन गाया।
तब प्रवीन खोसला जी ने कमाल करते हुए थोड़ा सा माहौल बदला। इस कोरोना के समय सबको एक्सरसाइज करनी चाहिए, परन्तु मन नहीं करता तो उन्होंने बड़े मजे से पहला-पहला प्यार है गाने पर एक्सरसाइज सिखाई। वाक्या ही ऐसे गाने पर अपने-अपने पांव-हाथ उठ जाते हैं। फिर के.के. विज जी ने ‘पुकारता चला हूं मैं’ बहुत ही सुन्दर गीत सुनाया। ऊषा और पवन मंगा जी ने ‘ऐ मेरी जोहरजवी’ पर डांस किया। बहुत ही अच्छा था। यह कपल आनलाइन कम्पीटिशन में भी ईनाम ले चुका है।
फिर यशपाल मरवाह जी ने बहुत अच्छा भजन गाया ‘तुम्हारा मन दर्पण कहलाए।’ फिर हमारे वरिष्ठ नागरिक क्लब के भजन सम्राट सुरेश बंसल जी ने बहुत चर्चित भजन गाया ‘रामचन्द्र कह गए सिया से ऐसा कलियुग आएगा।’ वाक्या ही आया हुआ है। फिर बारी आई शशि खन्ना और कृष्ण खन्ना की जो बड़ा मस्त कपल है। मैं अक्सर उनकी वीडियो फेसबुक पर देखती रहती हूं और मेरा मन जब उदास होता है इनकी हंसी, हंसाने के तरीके देख मन खुश होता है। मैं इनकी फैन हूं, क्योंकि दुनिया में अगर कोई किसी को हंसाये तो यह भी बड़ा पुण्य का काम है क्योंकि आजकल सबकी टेन्शन वाली दुनिया है। इनके एक्शन, मुस्कान, हंसना-हंसाना देखने वाला होता है और मैं कायल होती हूं। अत: में नीलम कपूर जी ने खुद का तैयार किया हुआ भजन गाया और सबको मैसेज दिया स्टे होम स्टे हैल्थी।