अवैध तरीकों से अमेरिका, कनाडा या अन्य देशों में जाना कोई नया नहीं है लेकिन हैरानी की बात यह है कि जान जोखिम में डालकर भी लोग ऐसा करने में लगे हुए हैं। फ्रांस में हाल ही में रोके गए एक विमान में सवार 276 भारतीयों की किस्मत अच्छी रही कि फ्रांस सरकार ने उन्हें भारत भेज दिया। यूएई से निकारागुआ तक की उड़ान भरने वाले प्राइवेट कम्पनी के विमान को मानव तस्करी के संदेह में पैरिस में रोका गया था। पुलिस ने विमान में सवार दो व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया और बाकी भारतीयों को वापिस भेज दिया। फ्रांस पुलिस का कहना है कि विमान में सवार यात्रियों को निकारागुआ ले जाया जा रहा था। वहां से उनकी योजना कनाडा या अमेरिका में घुसने की थी। विमान में सवार 20 से अधिक यात्रियों ने फ्रांस में शरण भी मांगी है। गैर कानूनी तरीके से विदेश जाने वाले भारतीयों की संख्या लगातार बढ़ रही है और जिस रूट से वह अमेरिका, कनाडा में घुसने की योजना बनाते हैं, उस रूट को डंकी रूट कहा जाता है।
हाल ही में शाहरुख खान की फिल्म डंकी में पंजाब के एक गांव के चार लोगों को बिना टिकट और बिना वीजा के विदेश जाने की कहानी दिखाई गई है। इसी वर्ष अप्रैल में अमेरिका, कनाडा के बार्डर पर आठ लोगों के शव मिले थे। इनमें से चार लोग गुजरात के रहने वाले एक ही परिवार के सदस्य थे। मरने वालों में एक बच्चा भी शामिल था। यह सभी लोग कनाडा से अमेरिका में अवैध तरीके से घुसने की कोशिश कर रहे थे। 1996 में हुए माल्टा नौका हादसे को आज भी भुलाया नहीं गया है। ब्रिटेन में पढ़ते समय मुझे एक मित्र ने माल्टा नौका त्रासदी के बारे में बताया था जिसमें 290 यात्रियों की मौत हो गई थी और मरने वालों में मेरे मित्र के रिश्तेदार भी शामिल थे। इस हादसे में मरने वालों में ज्यादातर पंजाब के होशियारपुर और जालंधर तथा आसपास के शहरों में रहने वाले लोग थे। जिज्ञासु होकर मैंने इस घटना के बारे में इंटरनेट पर रिसर्च की तो पता चला कि मुख्य रूप से भारतीय, पाकिस्तान, श्रीलंकाई और बंगलादेशी बेहतर जीवन की उम्मीद में यूरोप के लिए रवाना हुए और वह अवैध रूप से इटली में घुसने की कोशिश कर रह थे। कुल 565 लोग एक नौका में सवार हुए थे जो अवैध रूप से इटली में प्रवेश करना चाहते थे। दुर्भाग्य से नौका भूमध्य सागर में माल्टा के पास डूब गई।
डंकी रूट का इस्तेमाल करने में कई सारे जोखिम शामिल हैं। अवैध तरीके से किसी देश में घुसने और पकड़े जाने के बाद जेल जाने से लेकर निर्वासन (डिपोर्ट) का खतरा शामिल है। फिर जान जाने का भी खतरा होता है, क्योंकि इस रूट में जंगलों, नदियों और समुद्रों से होकर गुजरना पड़ता है। इस मार्ग में कई देशों के सुरक्षा अधिकारियों से बचना और बिना भोजन के कई दिन गुजारना भी शामिल होता है। न तो साफ पानी पीने को मिलता है और न सांस लेने के लिए खुली हवा ही मिलती है। जंगली जानवर, आपराधिक गिरोह, डकैती और यहां तक कि बलात्कारियों से भी सामना होने का खतरा रहता है। डंकी रूट का इस्तेमाल कराने वाले एजेंट्स भी किसी खतरे के समय मदद के लिए नहीं मिलते। उसके बावजूद लोग इन एजेंटों को मुंह मांगे पैसे देने के लिए अपनी जमीनें और संपत्ति बेच देते हैं।
लैटिन अमेरिका : भारत से सबसे लोकप्रिय डंकी रूट का पहला पड़ाव किसी लैटिन अमेरिकी देश तक पहुंचना है। इक्वाडोर, बोलीविया और गुयाना जैसे देशों में भारतीय नागरिकों के लिए वीजा ऑन अराइवल की सुविधा उपलब्ध है। ब्राज़ील और वेनेजुएला सहित कुछ अन्य देश भी आसानी से वीजा प्रदान कर देते हैं।
ग्वाटेमाला : ग्वाटेमाला इस रूट पर एक बड़ा केंद्र है। मेक्सिको में प्रवेश करने और अमेरिकी सीमा की ओर यात्रा जारी रखने के लिए प्रवासियों को यहां नए तस्करों को सौंप दिया जाता है। अब यहां से लुका-छिपी का खेल शुरू होता है, क्योंकि प्रवासियों को मैक्सिको से गुजरते समय कड़ी सुरक्षा से बचकर निकलना पड़ता है।
मेक्सिको और अमेरिकी सीमा : एक बार मेक्सिको में प्रवेश करने के बाद प्रवासियों को अमेरिकी सीमा तक पहुंचने के लिए खतरनाक इलाके और कठोर परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। यदि वे सफल होते हैं तो वे अमेरिका में शरण या अन्य प्रकार की कानूनी स्थिति के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (यूएससीबीपी) के अनुसार, भारतीय नागरिक दक्षिण पश्चिम सीमा से अमेरिका में प्रवेश करने वाले अवैध प्रवासियों की पांचवीं सबसे बड़ी जमात है। यूएससीबीपी के आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच 96,917 भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में सीमा पार करते हुए पकड़ा गया। इनमें से 30,010 को कनाडा सीमा पर और 41,770 को मैक्सिको सीमा पर पकड़ा गया। यूएससीबीपी का हवाला देते हुए एक रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2019 और मार्च 2023 के बीच अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने के प्रयास में 1,49,000 भारतीयों को हिरासत में लिया गया था। इनमें अधिकतर लोग गुजरात और पंजाब से थे। प्यू रिसर्च सेंटर के एक हालिया अध्ययन के अनुसार अमेरिका में 7,25,000 से अधिक भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं। कहानियां बड़ी दर्दनाक हैं फिर भी लोग ट्रैवल एजैंटों के सब्जबाग में फंसकर अपनी जान जोखिम में डाल देते हैं। बहुत कम ट्रैवल एजैंटों को सजा मिली है। क्योंकि इनके नेटवर्क को तोड़ना आसान नहीं है। बेहतर यही होगा कि युवा अमीर बनने की चकाचौंध से दूर रहे और जान जोखिम में न डालें।