हमने जब जुगलबंदी प्रोग्राम शुरू किया तो अपने सभी देश के टैलेंटेड सदस्य और उनके पीछे हमारे सर्वगुण सम्पन्न ब्रांच हैड को देखते हुए बहुत ही प्रतिभावान जजों का चुनाव किया ताकि उन्हें मुश्किल न आए परन्तु यह क्या पिछले दिनों हमारे सभी जजों ने वीएनकेसी फेसबुक पेज पर अपनी मुश्किलों को बयान करते हुए हमारे सभी सदस्यों के टैलेंट की तारीफ की और कहा कि बहुत ही मुश्किल है निर्णय लेना। इतना टैलेंट है और सबसे ज्यादा इस प्रोग्राम में इमोशनल भावनाएं परिवारों का प्यार जुड़ा है। क्या जुगलबंदी है, दादा-दादी के साथ पोतों-पोतियों की, नाना-नानी के साथ नातियों की, कोई गीत गा रहा है, कोई दोहे, कोई मंत्र तो कोई इंस्टूमैंट बजा रहा है। यही नहीं सास-बहू की जुगलबंदी जो देखते बनती है। पति-पत्नी की जुगलबंदी भी इस उम्र में खूब है। कइयों का तो प्यार झलकता है और कई तो ऐसे लगते हैं जबरदस्ती जुगलबंदी कर रहे हैं जो प्रभावहीन है। आइये सुनें जज क्या कह रहे हैं, कितनी तारीफ कर रहे हैं और साथ में उन्हें जजमैंट करने में क्या कठिनाइयां आ रही हैं, वो भी बता रहे हैं। सच में मुझे जज और अपने सदस्यों पर गर्व है। जज जो अपना कीमती समय दे रहे हैं।
उपासना अरोड़ा
(डायरेक्टर यशोद्घा सुपर स्पैशलिटी हॉस्पीटल)
इन सभी जुगलबंदी प्रतिद्वंद्वियों को देखकर लगता है कि यह सभी बहुत प्रतिभाशाली हैं, जो अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। हर व्यक्ति एक-दूसरे से अलग है। किसी ने जीवनसाथी के साथ अपना वीडियो बनाया है तो किसी ने पोते-पोतियों के साथ, तो किसी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर, बनाकर इसे भेजा है। जिनकी उम्र में एक लम्बा फांसला है। किसको प्रथम विजेता कहूं, या द्वितीय, इसका निर्णय कर पाना मुश्किल है। सबसे बड़ी बात कि आप में जो इतना उत्साह, योग्यता है उसे देखकर मैं हैरान हूं मेरा दिल बहुत ही प्रसन्न है।
वैंडी मेहरा
(एन्टरप्रन्योट डायरेक्टर स्टडी बाय जनक)
जुगलबंदी एक अच्छा कम्पीटीशन है। इस प्रोग्राम के जरिये सारे वरिष्ठïजन जुड़ गए हैं। बहुत अच्छा अनुभव है दादा-पोता, या दादी-पोती इस कार्यक्रम में आपसी सहयोग कर रहे हैं। ऐसी मनोरंजक प्रतियोगिता को देखकर मन भावुक हो जाता है, तालियां अपने आप बजने लगती हैं और मन प्रसन्न हो जाता है। मेरी तरफ से सभी विनर हैं, जो सबने अच्छी तरह से जुगलबंदी की तैयारी की है। वीडियोज बड़े मेहनत से भेजते हैं। भावी पीढ़ी के लिए गीत-संगीत का अच्छा वातावरण बना रहे हैं। पोता-पोती बहुत अच्छे ढंग से गीत व भजन संध्या करके अच्छा वातावरण बना रहे हैं। हमारी संस्कृति इस माध्यम से सुरक्षित हो रही है।
रश्मि मलिक (समाजसेविका)
जुगलबंदी कम्पीटीशन बहुत ही वंडरफुल प्रोग्राम है। कोरोना काल में ये बड़ी राहत है कि इतने सारे वरिष्ठïों को खुशियां प्रदान करना तथा नर्ई पीढ़ी से मधुर संबंध बनाना। सब दर्दों व बीमारियों के बीच जो पहल की है वह बहुत अच्छा प्रयास है। जिस तरह से शास्त्रीय संगीत में मैं जज रही हूं, यहां भी मुझे किरण जी ने कितनी बड़ी जिम्मेदारी दी है। इतने वीडियोज देखकर समस्या में घिर गई हूं कि मैं किसे विजेता कहूं-सभी ने बहुत मेहनत की है कि जज के रूप में फैंसला करना बहुत कठिन है। मैं हमेशा कहती हूं कि कोई भी कम्पीटीशन में हार-जीत नहीं होती। जरूरी होता है इसका हिस्सा बनना।
जसबीर जस्सी
(मशहूर पंजाबी गायक)
वरिष्ठï नागरिक केसरी क्लब सदस्यों को मैंने बड़े ध्यान से सुना है वे क्या खूबसूरत गाते हैं, क्या खूबसूरत परफार्मेंस करते हैं, और अपना टैलेंट सामने लाते हैं। कई सदस्यों के तजुर्बों का अनुभव सामने आया है। तो हमारे मन में भी, एक उत्साह की लहर आती है। वरिष्ठï नागरिक केसरी क्लब ने क्या खूबसूरत प्लेटफार्म दिया है, जिसमें सदस्य अपने पोते व अन्य पीढिय़ों को अच्छे संस्कार दे रहे हैं। आज डीजिटल के जमाने में सबकी योग्यता व जुगलबंदी से वाकयी यह प्रतियोगिता लाजवाब बन गई है।
निधि भागरा
(टीचर, गूगल स्र्टीफाई टे्रनर)
जुगलबंदी प्रतियोगिता के लिए शुक्रिया करना चाहती हूं कि किरण जी ने मुझे इस प्रतियोगिता से जोड़ा। उन प्रतियोगियों को भी धन्यवाद देना चाहती हूं कि आपकी प्रस्तुति बहुत अच्छी है, जिसे देखकर बहुत मजा आ रहा है। आपकी जुगलबंदी देखकर मेरा मन भी खुश हो गया है। जिसका जवाब मैं भी जुगलबंदी से देना चाहती हूं।
वाह-वाह, राम जी जोड़ी क्या बनार्ई है॥
रितु बेरी
(प्रसिद्घ फैशन डिजाइनर)
आपका बहुत अच्छा, प्यारा प्रयास है आपकी मनोरंजक जुगलबंदी सबके लिए खुशियां लाती है तथा भाव पूर्ण संबंध जोड़कर एक भलाई का कार्य कर रही हैं। वरिष्ठï नागरिकों की बहुत प्रेरणादायी जुगलबंदी प्रतियोगिता है। आपके इस कार्यक्रम के माध्यम से वरिष्ठïजन भी बच्चों जैसे लगने लगे हैं। जो सराहनीय प्रयास है।