जीवन के किसी भी क्षेत्र में महाभारत कदम-कदम पर संभवतः हर कोई झेलता होगा लेकिन हर कोई विजेता बनकर नहीं उभरता। भारतीय लोकतंत्र में राजनीतिक पार्टियां जिस तरीके से सत्ता हासिल करना चाहती हैं उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करते हुए खुद को हाल ही के लोकसभा के चुनाव परिणामों में एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया है। इसे कहते हैं महावापसी। याद कीजिये जब 2014 में भाजपा को इतनी बड़ी जीत मिली थी तो बड़े-बड़े राजनीतिक पंडितों ने यही कहा था कि इससे बड़ी जीत नहीं हो सकती। पूरे का पूरा एनडीए 322 का आंकड़ा छू गया और खुद भाजपा ने तब 272 सीटें पाई थीं।
आज 2019 में जब भाजपा ने 303 सीटें अकेले दम पर पाईं और एनडीए 351 पर पहुंचा तो भी यही राजनीतिक पंडित अपनी उसी बात को दोहरा रहे हैं जो उन्होंने 2014 में कही थी कि इससे बड़ी जीत नहीं हो सकती। अजेय मोदी जी के बारे में अब एक घोषणा हम करना चाहते हैं वह यह कि 2024 में भी यही कहा जाएगा कि इससे बड़ी भाजपा की जीत नहीं हो सकती। इतनी बड़ी जीत का श्रेय केवल नरेंद्र दामोदर मोदी जी के करिश्माई नेतृत्व को ही दिया जाना चाहिए जिन्होंने इतिहास बना दिया है। मोदी जी अपने आप में इस समय रिसर्च का एक विषय बन चुके हैं। क्योंकि आप सभी परिणाम देख चुके हैं कि किस प्रकार कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कांग्रेस और विपक्ष का सफाया हो रहा है।
हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल, गुजरात, उत्तराखंड में कांग्रेस और विपक्ष के क्लीन स्वीप के अलावा यूपी और मध्यप्रदेश जैसे हिंदी भाषी क्षेत्र में जिस प्रकार से भाजपा ने विपक्ष की किल्लियां उड़ाई हैं उसका श्रेय भी मोदी जी को ही जाता है। पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में जो कुछ हुआ वह ममता बैनर्जी और बीजू पटनायक के लिए भी एक सबक है। यह बात सच है कि मोदी जी के करिश्माई नेतृत्व में पार्टी अध्यक्ष श्री अमित शाह जी की प्लानिंग और दूरदर्शिता भी जबर्दस्त जलवा दिखाती है। इसीलिए कहने वाले कहते हैं कि जय और वीरू की जोड़ी सचमुच लाजवाब है।
हर कोई इन परिणामों के बारे में जानता है परंतु फिर भी अहम बात यह है कि मोदी जी सकारात्मकता में यकीन रखते हैं। इसी के ऊपर अमित शाह अपनी टीम से काम करवाते हैं। राष्ट्रवाद, देशभक्ति- सबका साथ-सबका विकास और प्रतिद्वंद्वी के सामने घुटने ना टेकना बल्कि पलटवार करने की रणनीति प्रमाणित करती है कि मोदी जी एक अलग किस्म के नेता हैं जो प्रचंड बहुमत पाने के बाद भी जमीन पर रहते हैं। ऐतिहासिक जीत के बाद मोदी का यह कहना ‘मुझे जो भी काम भविष्य में दिया जाएगा मैं उसे बदनीयती से नहीं करूंगा, हां मुझसे गलती हो सकती है लेकिन यह बदइरादे से नहीं करूंगा’ यह सिद्ध करता है कि वह अंदर से किस तरह एक संत की भावना रखते हैं जिनकी नीयत में कोई खोट नहीं है। हालांकि विपक्ष तरह-तरह से गठबंधन बना रहा था।
यूपी हो या तमिलनाडु या फिर बिहार, मोदी ने सारे हालात को पढ़ रखा था और विपक्षी नेताओं के टेढ़े-मेढ़े बोल वचनों के बीच धैर्य नहीं खोया और अपना काम करते रहे। तभी तो आज उनके आलोचक भी यह कह रहे हैं कि मोदी जी तो मुमकिन से भी आगे निकल गए हैं। इसकी वजह यह है कि मोदी ने कभी नकारात्मकता के साथ विरोधियों को जवाब नहीं दिया बल्कि तर्कों का जवाब तर्कों से ही दिया। हम तो यही कहेंगे कि मजबूत राष्ट्र के लिए मोदी का आना बहुत जरूरी है।
मोदी सरकार के दूसरे टर्म में आने से बाजार व्यवस्था से जुड़े लोगों की उम्मीदें बहुत बढ़ी हैं। उनके आलोचक कह रहे हैं कि मोदी जी का कद इंदिरा गांधी के बराबर हो गया है और उनसे आज भी हमें बहुत उम्मीदें हैं। याद करो 2014 जब मोदी जी ने सत्ता संभालने के बाद स्वच्छता अभियान का आह्वान किया, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के साथ योग से भारतीय को जोड़ने का आह्वान किया। इसके बाद आतंकवाद जो उन्हें विरासत में मिला, के अचानक बढ़ जाने से जब उरी अटैक हुआ तो सर्जिकल स्ट्राइक के लिए मोदी ने आगे बढ़कर कुशल राजनीतिक नेतृत्व का परिचय दिया। कश्मीर में पीडीपी जैसी पार्टी के साथ सरकार बनाने का प्रयोग किया तो उनकी आलोचना भी हुई लेकिन जब उन्होंने देखा कि महबूबा अब आतंकवादियों के मामले में खुलकर उनकी प्रमोटर बनकर सामने आ गई हैं तो मोदी जी ने जम्मू-कश्मीर में सत्ता के लिए दी गई वैशाखियां वापस ले लीं। परिणाम सबके सामने है।
पुलवामा हमले के बाद बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक पूरे देश की मांग थी, अभिनंदन की वापसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की जबर्दस्त कूटनीति और विदेश नीति का परिणाम थी। हर मोर्चे पर मोदी सरकार सफल है। नीयत और नीति स्पष्ट हैं। मोदी एकदम बेदाग हैं, जो कहते हैं डंके की चोट पर कहते हैं और जो करते हैं सबके सामने करते हैं। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के सामने अभी कई चुनौतियां हैं। आर्थिक मोर्चे पर अपने विश्वासपात्र वित्त मंत्री अरुण जेटली के होते हुए यह सरकार उम्मीदों पर खरा उतर रही है लेकिन भविष्य में अभी और बहुत कुछ किया जाना बाकी है तो सरकार महंगाई और मुद्रा स्फीति जैसे मुद्दों को सामने रखते हुए विकास दर ऊंची रखने के लिए हमेशा कृतसंकल्प रहती है।
गृहमंत्री के रूप में श्री राजनाथ सिंह तो कुशल विदेश मंत्री के रूप में सुषमा स्वराज के साथ-साथ एनएसए अजीत डोभाल इत्यादि देशभक्त उनके साथ डटे रहते हैं और उचित समय पर फीडबैक देते रहते हैं। तभी चीन और पाकिस्तान आज लाइन पर हैं। इतना ही नहीं राम मंदिर जैसे संवेदनशील मुद्दे को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने के बावजूद सांम्प्रदायिक सद्भाव बने रहने के लिए पीएम हमेशा गंभीरतापूर्वक काम करते रहते हैं। हर धर्म का वह सम्मान करना जानते हैं। तभी तो देश के लोग उन पर भरोसा करते हैं। आने वाले दिनों में कई और चुनौतियां आर्थिक मोर्चे पर रोजगार और औद्योगिक विकास के साथ-साथ रुपए की मजबूती को लेकर हैं।
प्राइवेट सैक्टर को नौकरियों के लिए प्रेरित करना और सरकारी नौकरी के लिए अवसर पैदा करना मोदी सब जानते हैं और इस पर बड़ा काम कर भी रहे हैं। जब इस देश में लोग मनमोहन सरकार पर भरोसा करते रहे हैं तो मोदी जी की तो यह अभी शुरूआत है। यकीनन देश की सुरक्षा मजबूत सरकार और मजबूत नेता के रहते ही महफूज है। यह मोदी के प्रति देश का विश्वास है कि उन्हें एक राष्ट्रगौरव के रूप में माना जाने लगा है। वह एक साधारण इंसान हैं लेकिन दुनिया उन्हें महानायक मानती है। जब एक जूते गांठने वाला व्यक्ति अब्राहिम लिंकन के रूप में अमरीका का राष्ट्रपति बन सकता है तो देश में चाय बेचने वाला व्यक्ति अगर प्रधानमंत्री बनकर पूरी दुनिया में भारतीयता और भारतीय संस्कृति का परचम बुलंदी के साथ फहरा रहा है तो हमें यह मोदी एक बार नहीं, दो बार नहीं सौ-सौ बार स्वीकार है। इस महानायक को लेखनी प्रणाम करती है और इस महावापसी के लिए बधाई भी देना चाहती है, कृपया स्वीकार करें।