फरीदाबाद: कांग्रेसी विधायक करण सिंह दलाल ने फरीदाबाद में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा है कि भाजपा के तीन साल के शासनकाल में फरीदाबाद और पलवल जिलों में लगभग 770 बेटियों को अगवा कर लिया गया, लेकिन आज तक पुलिस प्रशासन और सरकार इस ओर आंख बंद किए हुए बैठी है। उन्होंने सीधा-सीधा आरोप लगाया कि पुलिस व प्रशासन से मिलीभगत करके बच्चियों को उठाया जा रहा है और इन्हें मुंबई, बिहार, कोलकाता जैसे महानगरों में बेचा जा रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि हो सकता है कि इन बच्चियों को मानव तस्करी के रुप में भी इस्तेमाल किया जा रहा है तथा इन बच्चियों के किडनी, लीवर आदि अंगों को बड़े दामों पर बेचा जा रहा है इसलिए इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए, अन्यथा वह इस मामले को सड़क से लेकर विधानसभा तक उठाने का काम करेंगे वहीं इस मामले को लेकर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल से भी मुलाकात कर वास्तुस्थिति से अवगत करवाया जाएगा।
उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, जिनके पास गृह मंत्रालय भी है, से मांग की है कि वह इस मामले में हस्तक्षेप कर पूरी स्थिति स्पष्ट करें, कि आखिरकार यह बच्चियां गई कहां? उन्होंने फरीदाबाद पुलिस द्वारा 412 लावारिस बच्चों को सौंपने के मामले पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस ये बताए कि ये बच्चे कहां से मिले और किसने अगवा किए थे और इस मामलों में किस-किस के खिलाफ पुलिस ने मामले दर्ज किए है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर 15 दिन के अंदर गृह मंत्रालय ने इस मामले पर ठोस संज्ञान नहीं लिया तो वह ऐसे पीडि़त परिवारों को मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करेंगे, जिनकी सुनवाई पुलिस प्रशासन ने नहीं की है।
विधायक दलाल ने हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ दंश कसते हुए कहा कि मंत्री जी चुनाव के समय जनता के समक्ष यह कहते थे कि अब हरियाणा में कुंवारे नहीं बचेंगे तथा यहां के लड़कों की शादी बिहार की लड़कियों से करवाई जाएगी, लेकिन आज सरकार बनने के बाद हरियाणा की बेटियों की ही तस्करी शुरु हो गई है, जो बड़े शर्म की बात है। श्री दलाल आज सेक्टर-16ए स्थित सर्किट हाऊस में आयोजित पत्रकार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। श्री दलाल ने कहा कि एक ओर तो ‘बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा देकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है, जबकि यह नारा देने वाली सरकार में ही बच्चियों की तस्करी की जा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वास्तव में यही ‘बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा है।
– राकेश देव