कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुई राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर वापस लाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को 1,100 करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। आर्थिक तंगी से जूझ रहे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की मदद के लिए 600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की गई है।
इसके तहत 12 लाख परिवारों को 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही छोटे दुकानदारों के लिए 150 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। किसानों को 600 ई-ट्रैक्टर खरीदने पर 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। राज्य सरकार के दूसरे कार्यकाल के 600 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री द्वारा घोषणाएं की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मजदूरों की योजना तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक पोर्टल तैयार किया गया है और पोर्टल पर पंजीकरण 18 जून से शुरू होगा। ई-ट्रैक्टर की सब्सिडी पर उन्होंने कहा कि 30 सितंबर तक बुक कराने वाले किसान इसका लाभ उठा सकेंगे।
यदि इस प्रस्ताव को चाहने वाले आवेदकों की संख्या 600 से कम है, तो प्रत्येक आवेदक को इस प्रस्ताव का लाभ मिलेगा। यदि संख्या 600 को पार करती है, तो बहुत से ड्रा निकाला जाएगा। खट्टर ने आशा कार्यकर्ताओं और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों जैसे कोरोनोवायरस योद्धाओं के परिवारों को प्रति परिवार 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता की भी घोषणा की गई है।
इससे पहले राज्य ने 18 से 50 वर्ष की आयु में गरीबी रेखा से नीचे के परिवार के सदस्य की कोरोना के कारण मृत्यु पर 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि योजना का लाभ 46 परिवारों को सीधे उनके खातों में राशि भेज दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य बिजली उपभोक्ताओं को 30 जून तक के बिलों पर सरचार्ज माफ कर राहत प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिन उपभोक्ताओं का अप्रैल से जून तक का औसत बिजली बिल जनवरी, फरवरी और मार्च के औसत बिल से 50 फीसदी कम है, उनका 10,000 रुपये का फिक्स चार्ज 100 फीसदी माफ कर दिया जाएगा।
जिन उपभोक्ताओं का फिक्स चार्ज 10,000 रुपये से लेकर 40,000 रुपये तक है, उन्हें 10,000 रुपये तक की छूट मिलेगी और 40,000 रुपये से ज्यादा के फिक्स चार्ज वाले बिलों पर 25 फीसदी की छूट दी जाएगी। संपत्ति कर में राहत प्रदान करते हुए खट्टर ने कहा कि 2021-22 की पहली तिमाही के लिए पूरे संपत्ति कर को माफ करने का निर्णय लिया गया है।
इससे नगरीय स्थानीय निकाय विभाग पर लगभग 150 करोड़ रुपये का वित्तीय भार पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों को ले जाने वाले वाहनों पर 2021-22 की पहली तिमाही के लिए मोटर वाहन कर नहीं लगाया जाएगा। इससे राज्य पर 72 करोड़ रुपये का आर्थिक बोझ पड़ेगा।