क्षेत्र की एक प्रमुख खाप सुरेंद्र दहिया (Surender Dahiya) ने आज किसान संगठनों को सलाह दी कि वे विरोध प्रदर्शन न करें, बल्कि अपनी मांगों के संबंध में सीधे सरकार से बात करें। इसमें सोनीपत को अपने आंदोलन का केंद्र न बनाने की भी अपील की गई।
Highlights:
- पीएम या कृषि मंत्री से मिलने को कहा
- राज्य को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ
- उद्योगपतियों, दुकानदारों और ट्रांसपोर्टरों को भारी नुकसान हुआ
किसान यूनियनों को अधिकारियों से मिलने का आग्रह
मीडिया से बातचीत करते हुए खाप अध्यक्ष सुरेंद्र दहिया ने किसान यूनियनों से अपनी मांगों पर चर्चा के लिए पीएम या कृषि मंत्री से मिलने को कहा। उन्होंने कहा कि हरियाणा अभी भी पिछले किसान आंदोलन का परिणाम भुगत रहा है। राज्य को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा कि आंदोलन में कई असामाजिक तत्वों के शामिल होने से देश की छवि भी खराब हुई है।
“नुकसान और चिंताएँ: खाप अध्यक्ष का दृष्टिकोण”
उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों, दुकानदारों और ट्रांसपोर्टरों को भारी नुकसान हुआ है और आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों की जान चली गई है। आंदोलन का दूसरा बड़ा नुकसान युवाओं के बीच “चिट्टा” सहित नशीली दवाओं के उपयोग में वृद्धि थी। दहिया ने आरोप लगाया कि खापों ने सभी गांवों से चंदा इकट्ठा किया और किसानों को करोड़ों रुपये दिए, लेकिन पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह किसानों की वास्तविक मांगों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वह आंदोलन के खिलाफ हैं।
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