सनातन के बाद उदयनिधि ने हिंदी भाषा पर की टिप्पणी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

सनातन के बाद उदयनिधि ने हिंदी भाषा पर की टिप्पणी

तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन का सनातन धर्म को लेकर दिया गया विवादित बयान से पीछा नहीं छूटा वही अब हिंदी भाषा पर दिए एक ओर बयान से विवाद को जन्म दे दिया है।

तमिलनाडु सरकार में मंत्री  उदयनिधि स्टालिन का सनातन धर्म को लेकर दिया गया विवादित बयान से पीछा नहीं छूटा वही अब हिंदी भाषा पर दिए एक ओर बयान से विवाद को जन्म दे दिया है। पहले उदयनिधि के पिता सीएम स्टालिन ने हिंदी भाषा को थोपने का आरोप लगाया था और अब उनके नक़्शे कदम उनका बेटा भी यही भाषा बोल रहा है।  भारत को आजाद हुए 76 साल हो गए लेकिन इनकी राजनीति आज भी भाषा वाद पर टिकी है।  नफरत फैलाने वाली राजनीति कर के कुछ साल तो सत्ता का सुख भोग सकते हो लेकिन आप आने वाले भविष्य को क्या दे कर जा रहे है यह सोचने वाली बात है।  कभी भाषा को लेकर कभी धर्म को लेकर समाज को तोड़ने वाली राजनीति सिर्फ विनाश के अलावा कुछ नहीं कर सकती।   हिंदी पूरे भारतीय संघ को एकजुट करती
उदयनिधि स्टालिन ने सनातन के बाद अब हिंदी को लेकर अमित शाह पर हमला किया  है।  उदयनिधि ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर हिंदी थोपने का आरोप लगाया और कहा कि ‘सिर्फ 4-5 राज्यों में बोली जाने वाली’ ये भाषा देश को नहीं जोड़ती है।   केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उदयनिधि की  टिप्पणी की आलोचना करते हुए प्रतिक्रिया दी यह दावा करना  बेतुका है कि केवल चार से पांच राज्यों में बोली जाने वाली हिंदी पूरे भारतीय संघ को एकजुट करती है।  
भाषा दिवस पर गृह मंत्री बोले 
केंद्रीय गृह मंत्री ने 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के मौके पर कहा कि भारत विविध भाषाओं वाला देश है।   हिंदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में भाषाओं की विविधता को एकजुट करती है।   शाह ने कहा कि हिंदी ने कभी भी किसी अन्य भारतीय भाषा के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं की है और न ही करेगी और एक मजबूत देश अपनी सभी भाषाओं को मजबूत करने से ही उभरेगा।   गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि हिंदी सभी स्थानीय भाषाओं को सशक्त बनाने का माध्यम बनेगी।  
उदयनिधि का हिंदी पर बयान 

उदयनिधि स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तमिल में लिखा, ”केंद्रीय मंत्री ने ये टिप्पणी करके हमेशा की तरह हिंदी के प्रति अपना प्रेम दिखाया है कि हिंदी ही लोगों को एकजुट करती है और क्षेत्रीय भाषाओं को मजबूत बनाती है। ये नजरिए हिंदी के प्रति मचे शोर का ही बदला हुआ रूप है।डीएमके नेता ने आगे सवाल किया कि तमिलनाडु में ये तमिल है और पड़ोसी राज्य केरल की भाषा मलयालम है।   हिंदी कैसे इन दो राज्यों को जोड़ रही है? कैसे ये सशक्त बना रही है? उन्होंने स्टापहिंदीइम्पोजिशन हैशटैग लगाते हुए लिखा अमित शाह को गैर-हिंदी भाषाओं को प्रांतीय भाषा कहकर उनका अपमान करना बंद करना चाहिए।  

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