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Indian Air Force को मिलेगा पहला Airbus ‘C-295 aircraft’

वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ‘सी-295 विमान’ की डिलीवरी लेने के लिए स्पेन जाएंगे। इसके साथ ही भारत को अपना पहला एयरबस सी-295 सामरिक सैन्य परिवहन विमान इसी महीने मिल जाएगा।

वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ‘सी-295 विमान’ की डिलीवरी लेने के लिए स्पेन जाएंगे। इसके साथ ही भारत को अपना पहला एयरबस सी-295 सामरिक सैन्य परिवहन विमान इसी महीने मिल जाएगा।
विमान कंपनी एयरबस के भारत अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रेमी माइलार्ड ने यह पुष्टि की है कि इसी महीने भारतीय वायुसेना को सी-295 विमान की आपूर्ति होने वाली है।
जैसे कि गौरतलब है कि करीब 2 साल पहले सितंबर 2021 में भारत में इन सैन्य रणनीतिक परिवहन विमानों के लिए एयरबस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। एयरबस के साथ समझौते के तहत गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड एयरबस के साथ मिलकर 40 विमानों का निर्माण करेगी। यह फैक्ट्री साल 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगी।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, सी-295 परिवहन विमान को 2 पायलट उड़ाते हैं। इसमें पैराट्रूपर्स, स्ट्रेचर, इंटेसिव केयर मेडवैक, स्ट्रेचर मेडवैक और मेडिकल अटेंडेंट के साथ 73 सैनिक यात्रा कर सकते हैं। यह एक बार में अधिकतम 9,250 किलोग्राम भार ले जा सकता है। विमान की लंबाई 80.3 फीट, पंखों का फैलाव 84.8 फीट और ऊंचाई 28.5 फीट है।
गौरतलब है कि इसके अलावा भारत ने 31 एमक्यू-9बी सशस्त्र हंटर किलर ड्रोन की खरीद के लिए अमेरिका को औपचारिक अनुरोध भेजा है। भारत इस लड़ाकू ड्रोन को खरीदने का इरादा पहले ही जारी कर चुका है। अब भारत औपचारिक अनुरोध भेजकर चालू वित्त वर्ष में अंतिम अनुबंध पूरा करना चाहता है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका से खरीदे जाने वाले कुल 31 ड्रोन में से 15 ड्रोन भारतीय नौसेना को और आठ ड्रोन सेना को और बाकी 8 ड्रोन वायुसेना को दिए जाएंगे।
जी-20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होने जा रहा है इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत आ चुके हैं।  
वही, आपको बता दे कि प्रधान मंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन के बीच बैठक से पहले, भारत ने अमेरिकी सरकार को 31 सशस्त्र शिकारी हत्यारे ड्रोन के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा है। इससे पहले भारत के रक्षा मंत्रालय ने 31 ‘हंटर-किलर’ ड्रोन के लिए अनुरोध पत्र भेजा है।
जानकारी के मुताबिक, बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन एक या दो महीने के अंदर अपने विदेशी सैन्य बिक्री प्रोग्राम के तहत अमेरिकी कांग्रेस को लागत और अपेक्षित सूचना के साथ ही एलओए के साथ जवाब देगा।
रक्षा विशेषज्ञों ने बताया कि ये अमेरिकी ड्रोन 40,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरने की क्षमता रखते हैं. ऊंचाई तक उड़ान भरने की क्षमता के साथ-साथ हथियारों से लैस इन ड्रोन का इस्तेमाल खुफिया जानकारी जुटाने और निगरानी के लिए भी आसानी से किया जा सकता है।
रक्षा विशेषज्ञों का बताया कि इसके साथ-साथ इन मानव रहित ड्रोन का इस्तेमाल एयरबोर्न अर्ली वार्निंग, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, एंटी-सरफेस वॉरफेयर और एंटी-सबमरीन वॉरफेयर में किया जा सकता है। इन अमेरिकी ड्रोनों की एक बड़ी खासियत यह है कि ये सभी ड्रोन किसी भी तरह के मौसम से प्रभावित हुए बिना एक बार में लगभग तीस से चालीस घंटे तक उड़ान भर सकते हैं।

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