राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को दिल्ली के एम्स अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। हालांकि, लालू खुद को बीमार बताते हुए उन्हें डिस्चार्ज करने से मना करते रहे लेकिन वहां उनकी नहीं चली और डॉक्टर्स ने उन्हें रांची मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। खुद को डिस्चार्ज करने को लालू ने राजनीतिक साजिश बताया गया, इतना ही नहीं उनके समर्थकों ने तोड़फोड़ भी की। लालू की एम्स से इस छुट्टी पर राजनीतिक भूचाल-सा आ गया है। लालू समेत कई विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के कहने पर जानबूझकर उन्हें डिस्चार्ज किया गया है, अभी उनका इलाज भी पूरा नहीं हुआ है।
इस बीच लालू प्रसाद यादव ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला है। लालू का कहना है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाठ पढ़ाने के लिए राजनेताओं से मुलाकात कर रहे थे। लेकिन केंद्र सरकार ने जानबूझकर उन्हें एम्स से डिस्चार्ज करवाया। गौरतलब है कि सोमवार को शाम 4 बजे लालू यादव दिल्ली से रांची के लिए रवाना हुए। लालू को दोबारा फिर रांची के रिम्ज़ अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। लालू ने आरोप लगाया कि अभी उनकी तबीयत ठीक नहीं हुई है लेकिन एम्स की ओर से बयान दिया गया है कि लालू अब फिट हैं।
लालू की ओर से आरोप लगाया गया कि अभी उनका सिर्फ 25 फीसदी ट्रीटमेंट हुआ है। जब मैं रांची के लिए रवाना हुआ तो ट्रेन में भी कोई भी डॉक्टर मुहैया नहीं कराया गया। राहुल गांधी से मुलाकात के बारे में लालू ने कहा कि मैंने उन्हें अपने स्वास्थ्य के बारे में बताया। लालू ने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी को सलाह दी है कि वह और भी पार्टी के नेताओं से लगातार मुलाकात करते रहें।
आपको बता दें कि लालू को बिरसा मुंडा जेल में रहने के दौरान स्वास्थ्य संबंधी शिकायत पर 17 मार्च को रिम्स में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। लालू चारा घोटाला से जुड़े मामले में 23 दिसंबर, 2017 से जेल की सजा काट रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री 2013 से चारा घोटाले के चार मामलों में दोषी करार दिए गए हैं। हालिया, दुमका कोषागार मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें 14 साल जेल की सजा सुनाई है।
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