मुंबई: भारी बारिश ने एक बार फिर मुंंबई नगरी को जलमग्न कर दिया हैं। उधर महाराष्ट्र के पालघर में चिंचोटी झरने में फंसे सभी 106 लोगों को बचा लिया गया है, लेकिन इस हादसे में कांदिवली के भावेश गुप्ता नाम के एक शख़्स की मौत हो गई है। भावेश का शव निकाल लिया गया है। झरने में पानी के तेज बहाव की वजह से यहां 107 लोग फंस गए थे। राहत और बचाव के काम में नौसेना के हेलिकॉप्टर की मदद ली गई।
पुलिस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए राहत अभियान जारी है। एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), अग्निशमन दल और स्थानीय पुलिस की टीमों ने लगभग 100 अन्य लोगों को बचा लिया है। मानसून के दौरान पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय गंतव्य माने जाने वाला यह झरना यहां से 70 किलोमीटर दूर तुंगारेश्वर वन क्षेत्र में स्थित है। अधिकारी ने बताया,‘इस क्षेत्र में सुबह से ही लगातार बारिश हो रही थी जिससे ये लोग फंस गये और इससे राहत एवं बचाव का काम भी बाधित हुआ है।
वहीं दो दिन से महाराष्ट्र के कई इलाकों में हो रही भारी बरसात का असर लोगों पर पड़ता दिख रहा है। भारी बरसात के चलते मुंबई से सटे ठाणे में मध्य रेलवे को कल्याण से बादलापुर के बीच चलने वाली लोकल ट्रेन पर शनिवार को असर पड़ा। कई दूरदराज जाने वाली ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। शनिवार का दिन मानों महाराष्ट्र में आफत ले आया। राज्य के कई इलाकों में हुई भारी बारिश से लोग खासे परेशान नज़र आए।
आपको बता दें कि शुक्रवार को भारी बारिश के कारण बिजली गुल होने की वजह से महाराष्ट्र विधान मंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चल सकी थी। शुक्रवार को विधानसभा और विधान परिषद की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद अंधेरे की वजह से कार्यवाही को स्थगित कर दी गई। शहर में भारी बारिश के बाद विधान भवन में बिजली आपूर्ति करने वाले स्विचिंग केंद्र में पानी भरने के कारण बिजली आपूर्ति बंद करनी पड़ी। नागपुर को महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी समझा जाता है। शहर में हर साल विधानसभा का शीतकालीन सत्र होता है और 1961 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है कि शहर में मानसून सत्र का आयोजन हो रहा है। नागपुर शहर में गुरुवार रात भारी बारिश हुई थी और शुक्रवार सुबह 10 बजे जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो सदन में अंधेरा पसरा था।