राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने अपना नवीनतम डेटा जारी किया है, जो 2022 में पूरे देश में हत्या के मामलों में मामूली कमी का संकेत देता है। इसके अनुसार, पिछले साल हत्या की 28,522 प्राथमिकी दर्ज की गईं यानी औसतन प्रतिदिन 76 हत्याएं हुईं। वर्ष 2021 में हत्या की 29,272 प्राथमिकियाँ दर्ज की गई थीं।
HIGHLIGHTS
- NCRB ने अपना नवीनतम डेटा जारी किया
- देश में हत्या के मामलों में मामूली कमी
- पिछले साल हत्या की 28,522 प्राथमिकी दर्ज
विवाद’ में सबसे ज्यादा 9,962 हत्याएँ
रिपोर्ट में इन अपराधों के पीछे के प्राथमिक उद्देश्यों की पहचान भी की गई है। ‘विवाद’ में सबसे ज्यादा 9,962 हत्याएँ हुईं। इसके बाद ‘व्यक्तिगत प्रतिशोध या शत्रुता’ (3,761) और ‘लाभ’ (1,884) के मामले रहे। आंकड़ों से पता चला कि हत्या के 95.4 फीसदी पीड़ित वयस्क थे, जिनमें लगभग 70 प्रतिशत पुरुष थे। पीड़ितों में 8,125 महिलाएं और नौ तीसरे लिंग के व्यक्ति शामिल थे। महानगरीय शहरों में हत्या के मामलों में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 2022 में 2,031 तक पहुंच गई। प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर 2.1 रही, जबकि ऐसे मामलों में आरोप पत्र दायर करने की दर 81.5 फीसदी थी।
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 3,491 एफआईआर
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 3,491 एफआईआर हुई। इसके बाद बिहार (2,930), महाराष्ट्र (2,295), मध्य प्रदेश (1,978), और राजस्थान (1,834) हैं। कुल मिलाकर, इन पांच राज्यों में देश में हत्या के 43.92 फीसदी मामले होते हैं। इसके विपरीत, सिक्किम (9), नागालैंड (21), मिजोरम (31), गोवा (44), और मणिपुर (47) में 2022 में हत्या के सबसे कम मामले दर्ज किए गए। केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली में 2022 में हत्या के 509 मामले दर्ज किए गए। इसके बाद जम्मू और कश्मीर (99), पुडुचेरी (30), चंडीगढ़ (18), दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव (16), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (7), लद्दाख (5), और लक्षद्वीप (0) हैं। महानगरीय शहरों में, बेंगलुरु में 2022 में 173, मुंबई में 135, लखनऊ में 131, पटना में 107 और चेन्नई में 101 हत्या के मामले देखे गए।
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