पटना : बिहार विधानसभा में आज राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के सदस्यों ने औरंगाबाद में हिंसा के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया जिसके कारण सभा की कार्यवाही आठ मिनट बाद ही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी गयी। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि वह औरंगाबाद के मामले पर सदन में कुछ कहना चाहते हैं।
कल सदन में जब उन्होंने औरंगाबाद में हिंसा के संबंध में सूचना दी थी तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बाबू कहकर सम्बोधित किया, इस बात पर उन्हें खुशी और नाराजगी दोनों ही है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी इस बात की है कि मुख्यमंत्री ने उन्हें बाबू कहकर संबोधित किया लेकिन नाराजगी इस बात से है कि उन्होंने मेरी सूचना को ग्रहण नहीं किया और कर्फ्यू की बात को गलत बताया। इतना ही नहीं उन्होंने उनपर अफवाह फैलाने का आरोप लगा दिया।
श्री यादव ने कहा कि औरंगाबाद के विषय पर सदन में चर्चा के लिए कुछ सदस्यों की ओर से कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया गया है जिसे तुरंत मंजूर किया जाना चाहिए। इसपर सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि इस विषय को उठाने का अभी समय नहीं है। प्रश्नोत्तरकाल होने दिया जाये और 12 बजे वह इस विषय को उठायें।
सभाध्यक्ष के आग्रह को राजद के सदस्य नहीं माने और शोरगुल करने लगे। इस पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सदन नियम कानून से चलता है। कार्य संचालन नियमावली के तहत विषयों को उठाने के लिए नियम बने हुए है और उसी के तहत विषयों को लाया जाना चाहिए। यदि नियमानुसार विषयों को सदन में नहीं लाया जाता है तो उससे विषय की गंभीरता समाप्त होती है और सरकार भी उसका जवाब देने के लिए बाध्य नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि लगता है कि विपक्ष का संसदीय लोकतंत्र और संसदीय परम्परा में विश्वास नहीं है। उनका मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना और राजनीतिक लाभ उठाना है। राजद के सदस्य शोरगुल और नारेबाजी करते रहे। हंगामे के बीच लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि कल सदन में गृह विभाग की बजट मांग पर चर्चा हुई थी उस समय नेता प्रतिपक्ष ने अपनी बात क्यों नहीं रखी। शोरगुल के बीच ही सभाध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कराया।
राजद के सदस्य सदन के बीच में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। राजद के कुछ सदस्य हाथों में संविधान की किताब लिये हुए थे और आसन को दिखाकर कुछ कहने की कोशिश कर रहे थे। इस पर सभाध्यक्ष श्री चौधरी ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा,‘बताइये, यहां संविधान के किस अनुच्छेद का उल्लंघन हो रहा है।
सिर्फ संविधान की किताब दिखा रहे हैं लेकिन संविधान से कोई मतलब नहीं है।’उन्होंने कहा कि यदि आप सदन को नहीं चलने देना चाहते हैं तो वह सदन की कार्यवाही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित करते हैं। राजद सदस्यों के हंगामे के कारण सदन में भोजनावकाश से पूर्व निर्धारित कार्य प्रश्नकाल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण नहीं हो सका।
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