कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा रेमडेसिविर की उत्पादन क्षमता को 38 लाख शीशी प्रति माह से बढ़ाकर अब 1.19 करोड़ शीशी प्रतिमाह तक पहुंचा दिया गया है। रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। रेमडेसिविर का भारत में उत्पादन सात दवा कंपनियों द्वारा किया जाता है।
ये कंपनियां गिलीड लाइफ साइंसिज से स्वैच्छिक लाइसेंस के तहत उत्पादन कर रही हैं। इन कंपनियों में सिप्ला, डा रेड्डीज, हेटेरो, जुबिलेंट फार्मा, माइलान, सिंजेने और जायडस केडिला शामिल हैं। मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि दवा का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिये सभी सातों कंपनियों से तुरंत रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाने को कहा गया।
इसमें कहा गया, ‘‘केन्द्र सरकार और विनिर्माता कंपनियों के संयुक्त प्रयासों से लाइसेंस धारी विनिर्माताओं की उत्पादन क्षमता को अप्रत्याशित रूप से 38 लाख शीशी से बढ़ाकर करीब 119 लाख शीशी प्रति माह तक पहुंचा दिया गया।’’ दवा का उत्पादन बढ़ाने के लिये 38 अतिरिक्त स्थलों पर विनिर्माण कार्य शुरू किया गया।
इसके साथ ही रेमडेसिविर का उत्पादन करने वाले मंजूरी प्राप्त उत्पादन स्थलों की संख्या 22 से बढ़कर 60 तक पहुंच गई। बयान के मुताबिक विदेश मंत्रालय की मदद से विनिर्माताओं को जरूरी कच्चे माल और सामानों की विदेशों से आयात की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
मंत्रालय ने कहा कि घरेलू उत्पादन बढ़ाकर और आयात के जरिये दवा की उपलब्धता बढ़ाने का काम किया जा रहा है। दूसरी तरफ 11 अप्रैल 2021 से रेमडेसिविर के निर्यात को प्रतिबंधित किया गया है। वहीं 20 अप्रैल 2021 से रेमडेसिविर के इंजेक्शन, रेमडेसिविर की उत्पादन सामग्री, बेटा साइक्लोडेक्सट्रिन के आयात पर सीमा शुल्क से छूट दी गई है।