साल 2018 में 10वीं और 12वीं कक्षा के पेपर लीक होने के बाद सीबीएसई को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। ऐसे में अब पेपर लीक की समस्या से निपटने के लिए सीबीएसईने माइक्रोसोफ्ट की मदद से डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए सीबीएसई की योजना छात्रों को डिजिटल पेपर उपलब्ध कराने की है।
बता दें कि सीबीएसई ने 10वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा के दौरान इसका सफल परीक्षण भी किया। 10वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा देश के 487 केंद्रों में कराई गई थी। माइक्रोसॉफ्ट के एमडी अनिल भंसाली ने बताया कि सीबीएसई के लिए तैयार किया गया ये डिजिटल प्लेटफॉर्म अपने पहले टेस्ट में पास हो चुका है।
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उन्होंने बताया कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए डिजिटल पेपर परीक्षा केंद्रों में परीक्षा शुरू होने से 30 मिनट पहले ही पहुंचेगा। इसी के साथ पेपर पर परीक्षा केंद्र का वॉटर मार्क लगा होगा। अनिल भंसाली ने बताया कि अगर इन सब के बावजूद पेपर लीक हो जाता है तो हैकर्स इसे परीक्षा शुरू होने के 30 मिनट बाद ही इसे डाउनलोड कर पाएंगे। इस तरह अगर पेपर लीक हो भी गया, तो भी इसका कोई मतलब नहीं रहेगा।
ये सिस्टम कैसे करेगा काम ?
आपको बता दें कि टीचर्स विंडोज 10 और माइक्रोसोफ्ट 365 के जरिए पूरी प्रक्रिया को ट्रैक कर सकेंगे। टीचर्स को परीक्षा के पेपर डाउनलोड करने के लिए पहले वेरिफिकेशन करना होगा। असल में ये पूरा सिस्टम इनक्रिप्टेड होगा और दो लेयर के वेरिफिकेशन के बाद ही चालू होगा। वही, पेपर डाउनलोड करने के लिए ओटीपी और बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन होगा।