जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए हुए एक पूरा साल हो चुका है। ऐसे में एक बार फिर यह मामला देश की राजनीति में चर्चा का मुद्दा बनता जा रहा है। जम्मू-कश्मीर के सियासी दलों ने शनिवार को एक घोषणा पत्र जारी कर अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए साथ आने का ऐलान किया है। दलों की इस घोषणा का कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने रविवार को स्वागत किया।
चिदंबरम ने रविवार को एक ट्वीट करते हुए लिखा, अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए एकजुट हुईं मुख्यधारा की पार्टियों की एकता और जज्बे को सलाम। मेरी उनसे अपील है कि वे अपनी मांग के लिए डटकर खड़े हों। स्वयंभू राष्ट्रवादियों की तथ्य हीन आलोचना की उपेक्षा करें जो इतिहास को नहीं पढ़ते हैं लेकिन इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश करते हैं।
Salute the unity and courage of six mainstream Opposition parties who came together yesterday to fight the repeal of Article 370
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) August 23, 2020
उन्होंने लिखा, भारत के संविधान में राज्यों के लिए विशेष प्रावधान और शक्ति के असममित वितरण के कई उदाहरण हैं। अगर सरकार विशेष प्रावधानों के खिलाफ है तो फिर नागा मुद्दों को कैसे सुलझाएगी?
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की फिर से बहाली के लिए जिस घोषणा पत्र को तैयार किया गया है। उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, जेकेपीसीसी के जीए मीर, माकपा के एमवाई तारीगामी, जेकेपीसी के सज्जाद गनी लोन, जेकेएएनसी के मुजफ्फर शाह के नाम शामिल हैं।