जम्मू-कश्मीर में सेना रमजान महीने के दौरान अपने ऑपरेशन को नहीं चलाएगी। सेना द्वारा आतंकियों के खिलाफ किसी भी तरह का कोई ऑपरेशन नहीं चलाया जाएगा। केंद्र सरकार ने इस संबंध में सुरक्षाबलों को आज निर्देश जारी कर दिया है। केंद्र की ओर से यह निर्देश राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की मांग पर आया है। महबूबा मुफ्ती ने इससे पहले केंद्र सरकार से रमजान के बीच राज्य में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन नहीं चलाने की मांग की थी।
गृह मंत्रालय का कहना है कि अगर निर्दोष लोगों को आतंकियों ने निशाना बनाने की कोशिश की तो सुरक्षाबलों को कार्रवाई करने का अधिकार होगा। सरकार को उम्मीद है रमजान के पवित्र दिनों में सरकार और सुरक्षाबलों को लोग सहयोग देंगे। सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर में शांति कायम करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। इसके पहले जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में रमजान के दौरान एकतरफा सीजफायर की मांग की थी।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ये जरूरी है कि जो लोग इस्लाम के नाम पर बेगुनाहों का खून बहाते हैं, उन्हें समाज से अलग किया जाए। बिना किसी वजह किसी का खून बहाना या भय का माहौल पैदा करना सामान्य जीवनशैली के खिलाफ है। पाकिस्तान ने इस साल जम्मू कश्मीर में इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास 720 से अधिक बार सीजफायर का उल्लंघन किया है।
सीजफायर उल्लंघन की यह घटना पिछले 7 साल में सबसे अधिक है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने इस साल अक्टूबर तक इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास 724 बार सीजफायर उल्लंघन किया है जबकि वर्ष 2016 में यह संख्या 449 थी। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि अक्टूबर तक सीमा पार से हुई गोलीबारी में कम से कम 12 स्थानीय नागरिक मारे गए और 17 सुरक्षा कर्मी शहीद हो गए। इसके अनुसार सीमा पार से हुई गोलीबारी में कुल 79 स्थानीय नागरिक और 67 सुरक्षा कर्मी घायल हुए।
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