कर्नाटक में अलग झंडे की मांग को लेकर विवाद बढ़ता नजर आ रहा है। कर्नाटक में कांग्रेस की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने प्रदेश के लिए अलग झंडे की मांग करते हुए एक नौ सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो झंडे का डिजाइन तय करेगी। इस झंडे को कानूनी मान्यता दिलाने का काम भी इसी कमेटी को सौंपा गया है।
देश में अभी तक एक जम्मू-कश्मीर ही ऐसा राज्य है जिसके पास अपना अलग झंडा है। कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने ये कदम इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए उठाया है। कर्नाटक में अगल झंडे की मांग इससे पहले 2012 में भी उठी थी, लेकिन तत्कालीन बीजेपी सरकार ने यह कहते हुए इसका पुरज़ोर विरोध किया था कि यह कदम ‘देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है’।
बता दें कि कांग्रेस की कोशिश है कि ध्वज के बहाने कन्नड़ अस्मिता को हवा दी जाए। यदि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया अपनी मांग मनवाने में कामयाब रहे तो कर्नाटक आधिकारिक तौर पर अपना अलग ध्वज रखने वाला देश का दूसरा राज्य बन जाएगा। अभी तक संविधान की धारा 370 के तहत जम्मू कश्मीर को ही ये विशेष दर्जा हासिल है कि उसके पास खुद का ध्वज है।