झारखंड की अपनी पहली यात्रा में मुझे धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने और झारखंड राज्य के स्थापना दिवस में भाग लेने का मुझे अवसर मिला है। यह मेरे लिये बहुत खुशी की बात है। झारखंड के तीन करोड़ 30 लाख लोगों को राज्य के स्थापना की 17वीं वर्षगांठ पर बधाई देता हॅू। झारखंड के विकास में नई ऊर्जा के साथ यहां के लोग उत्साहित दिख रहे हैं। झारखंड राज्य की स्थापना का निर्णय लेने वाले दूरदर्शी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रति मैं सम्मान व्यक्त करता हॅू। उक्त बातें भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कही।
राष्ट्रपति ने इस अवसर पर जनहित में उपयोगी, बीपीएल परिवारों के लिए जोहार आजीविका योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना, एम्बुलेंस योजना, रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास की योजनाओं का आरभ करके मुझ बहुत खुशी हुई है। सामान्य जनता के कल्याण तथा राज्य के विकास के विभिन्न कार्यक्रमों के लाभार्थियों को परिसंपत्तियां देकर मुझे प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। उन्होंने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा,वीर सिन्दो कान्हो, चांद भैरव, तिलका मांझी,नीलाम्बर-पिताम्बर जैसे अनेक वीर सपूतों ने अपने त्याग और बलिदान से झारखंडकी धरती को सींचा है।
इन विभूतियों ने समानता और न्याय पर आधारित समाज के सपने को साकार करने केलिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था। उन्होंने कहा कि आज भगवान बिरसा मुंडा की 142वीं जयंती है। केवल 25 वर्ष की आयु में उनकी शहादत हुई थी। हम सभी का फर्ज बनता है कि ऐसे महान सपूत को हमेशा याद रखें और उनके उद्देश्यों को पाने के लिए इस जनजाति बहुल प्रदेश में आदिवासी भाई बहनों की खुशहाली के लिए अपने प्रयासों को जारी रखें।
राष्ट्रपति श्री कोविन्द ने बताया कि झारखंड का क्षेत्र अने सूरवीरों और प्रतिभाओं की जन्मभूमि और कर्म भूमि रही है। 1971 के युद्ध में भारत माता के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले परमवीर चक्र विजेता एल्बर्ट इक्का इसी क्षेत्र के विभूति थे। 1928 ओलंंपिक में भारत को हॉकी में स्वर्ण पदक दिलाने वाली टीम के कप्तान जयपाल सिंह मुंडा, संविधान सभा के सदस्य भी रहे और आजादी के बाद आदिवासी समुदाय के हितों की बात उठाने वाले सक्रिय सांसद रहे। इस क्षेत्र ने हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट, कबडडी, तीरंदाजी, मुक्केबाजी और पर्वतारोहण आदि खेलों में बहुत से प्रतिभाशाली खिलाड़ी दिये हैं।
उन्होंने बताया कि झारखंड की भूमि प्राचीन काल से ही महत्वपूर्ण रही है। देवघर बैद्यनाथ धाम में ज्योतिर्लिंग, दुमका में बासुकीनाथ धाम, गिरीडीह में जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पाश्र्वनाथ की तपोभूमि और रामगढ़ में छिन्नमस्तिका शक्तिपीठ आदि तीर्थ स्थान झारखंड को पवित्र भूमि का दर्जा देते हैं। दुमका जिले में 108 टेराकोटा मंदिरों का मलूटी गांव, झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर है। इन ऐतिहासिक मंदिरों पर आज डाक टिकट जारी करना मेरे लिए सुखद अनुभव है।
झारखंड खनिज संपदा के कारण ही आधुनिक भारत का पहला बड़ा स्टील प्लांट इसी क्षैत्र में जमशेद जी टाटा ने लगाया था। झारखंड में पर्यटन, उद्योग और कृषि के विकास की प्रचूर संभवना है। विकास दर के पैमाने पर झारखंड देश में दूसरे स्थान पर है तथा श्रम सुधारों के क्षेत्र में पिछले दो सालों से लगातार देश में प्रथम स्थान पर बना हुआ है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने बताया कि आज से बीपीएल परिवारों के लिए आजीविका पर आधारित 1500 करोड़ की जोहार योजना की शुरूआत हुई है। राज्य सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है।
स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारंभ हुआ है। इससे लगभग 80 प्रतिशत परिवारों के लाभान्वित होने की संभावा है। झारखंड के कई जिलों में स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में रामकृष्ण मिशन ने बहुत काम किया है इससे बहुत लोग लाभान्वित हुए हंै। आज इस ऐतिहासिक अवसर पर हम सब मिलकर एक ऐसे राष्ट्र एवं राज्य के निर्माण का संकल्प लें जहां बिरसा मुंडा के सपनों के समाज में सभी लोग बराबरी और खुशहाली का अनुभव करें।