महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संकट से निपटने में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कथित तौर पर ”विफल” रहने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता नारायण राणे ने सोमवार को एक बार फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अपनी मांग दोहरायी और आरोप लगाया कि राज्य को नौकरशाह चला रहे हैं।
राणे ने यह भी आरोप लगाया कि लॉकडाउन के दौरान पिछले चार महीने में ठाकरे राज्य को दस साल तक पीछे ले गए। राणे ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा, ” मैं कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की अपनी मांग पर कायम हूं। राज्य सरकार को नौकरशाह चला रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ” पिछले कुछ महीनों से मंत्रालय में मुख्यमंत्री नहीं है। क्या राज्य सरकार का कोई अस्तित्व है यदि मंत्रालय में मुख्यमंत्री ही नहीं है?” राणे ने आरोप लगाया कि ठाकरे अपने निजी आवास ”मातोश्री” से ही बाहर नहीं निकलते और आम लोगों के मुद्दों पर ध्यान नहीं देते।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण अकेले मुंबई में करीब 5,000 लोगों की मौत हो गई और 8,000 से अधिक लोग पूरे राज्य में जान गंवा चुके हैं। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि राज्य की आर्थिक स्थिति खस्ताहाल होने के कारण डॉक्टरों और नर्सों को वेतन तक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उद्योग धराशायी हैं लेकिन मुख्यमंत्री को कोई मतलब नहीं है।