केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में 352 करोड़ रुपये से अधिक की कथित ऋण धोखाधड़ी के मामले में जलगांव की तीन आभूषण कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।सीबीआई द्वारा दर्ज की गई तीन अलग-अलग प्राथमिकियों में राजमल लखीचंद ज्वेलर्स प्राइवेट लिमिटेड, आरएल गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड और मनराज ज्वेलर्स प्राइवेट लिमिटेड तथा उनके प्रवर्तकों, निदेशकों, गारंटरों को आरोपी बनाया गया है।
नामजद आरोपियों में ईश्वरलाल शंकरलाल जैन लालवानी, मनीष ईश्वरलाल जैन लालवानी, पुष्पादेवी ईश्वरलाल जैन लालवानी और नीतिका मनीष जैन लालवानी शामिल हैं।सीबीआई को एसबीआई से शिकायत मिली कि उसे राजमल लखीचंद ज्वेलर्स से 206.73 करोड़ रुपये, आरएल गोल्ड से 69.19 करोड़ रुपये और मनराज ज्वेलर्स से 76.57 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
तीनों कंपनियों ने कथित तौर पर अपनी सहयोगी फर्म राजमल लखीचंद के साथ कारोबार किया, जो चार कंपनियों में सबसे बड़ी कर्जदार थी।एसबीआई ने आरोप लगाया कि प्रवर्तक/ गारंटर बैंक की अनुमति के बिना गिरवी रखी संपत्तियों को बेचने की हद तक चले, जिससे ऋण वसूली के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया।बैंक ने आरोप लगाया कि कंपनियों ने भारतीय स्टेट बैंक से ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया और जिस उद्देश्य के लिए कर्ज लिया गया था, उसके बजाय दूसरी जगह पैसा लगाकर उसका दुरुपयोग किया।