उत्तराखंड में नेपाली मूल के लोगों को कोरोना टीका लगाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को इसके लिए मंजूरी दे दी है। अब नेपाली लोग बिना पहचान पत्र के कोरोना टीका लगा सकेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखंड के निदेशक की ओर से इस आशय का एक पत्र शनिवार को जारी किया गया है। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ केएस मर्तोलिया की ओर से भेजे गये पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर इस संबंध में मंजूरी मिल गई है। प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि बिना पहचान पत्र के भी नेपाली मूल के लोग वैक्सीन लगा सकेंगे।
पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से कल भेजी गई मेल में कहा गया है कि नेपाली मूल के लोगों को वैक्सीन केंद्र सरकार की ओर से छह मई को जारी पत्र और जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार लगाई जा सकेगी। जिसमें प्रदेश में उन लोगों को वैक्सीन लगाये जाने का उल्लेख है जिनके पास कोविन पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिये पहचान पत्र (आईडी कार्ड) उपलब्ध नहीं हैं। इससे साफ है कि अब नेपाली लोग बिना आधार कार्ड एवं पहचान पत्र के वैक्सीन लगा सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड हाई कोर्ट ने भी इस मामले का संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए विगत 19 मई को राज्य सरकार से जवाब मांगा था। इसके बाद उत्तराखंड राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से 16 अप्रैल को केंद्र सरकार को इस संबंध में एक पत्र भेजा गया था। उसी के क्रम में केंद्र की ओर से अनुमति दी गई है। चंपावत के सीएमओ डॉ आर.पी खंडूरी ने इसकी पुष्टि करते हुए केंद्र सरकार के इस कदम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से जंग में सभी का टीकाकरण आवश्यक है।