रिश्तेदार को नौकरी दिलाने के लिए पद का उपयोग करने संबंधी लोकायुक्त की प्रतिकूल रिपोर्ट के बाद उच्च शिक्षा मंत्री के. टी. जलील के इस्तीफे की लगातार हो रही मांग के बीच केरल के विधि मंत्री ए. के. बालन शनिवार को उनके समर्थन में उतरे और संकेत दिया कि अभी इस्तीफा नहीं होगा। जलील के पास कई कानूनी विकल्प होने का संकेत देते हुए बालन ने कहा कि मंत्री लोकायुक्त के फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं और उस पर स्थगनादेश ले सकते हैं।
पलक्कड में उन्होंने संवाददाताओं से कहा,‘‘मुख्यमंत्री के पास रिपोर्ट पर कार्रवाई के लिए तीन महीने का समय है। जो उनके (जलील के) तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि राज्य में अभी तक ऐसा कोई उदाहरण नहीं है।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या कभी किसी ने सिर्फ इस वजह से इस्तीफा दिया है क्योंकि निचली अदालत ने कुछ कह दिया हो?’’ बालन ने कहा कि केरल में निचली अदालत के फैसले पर इस्तीफा देने का कोई उदाहरण नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘जलील के रिश्तेदार के. टी. अदीब को प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया गया है…. हमें बस यह सत्यापित करने की जरुरत है कि व्यक्ति इसके योग्य है या नहीं। कोई कानून ऐसा नहीं कहता है कि रिश्तेदारों की नियुक्ति नहीं की जा सकती है।’’ केरल लोकायुक्त की खंडपीठ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को एक रिपोर्ट सौंप कर कहा था कि जलील ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर अपने रिश्तेदार को नौकरी दी और उन्हें अब मंत्री पद पर नहीं रहना चाहिए।