मध्य प्रदेश की राजनीति भी काफी दिलचस्प रहती है, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के मध्य अक्सर राजनीतिक घमासान का दौर चलता रहता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कांग्रेस नेताओं पर बाढ़ के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे सिर्फ टि्वटर पर सक्रिय रहते हैं, जबकि हमारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जमीन पर रहकर कार्य करती है।
चौहान ने प्रतिदिन पौधारोपण के अपने संकल्प के अनुरूप यहां पौधारोपण के बाद पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी जमीन पर रहकर कार्य करती है। बाढ़ की विभीषिका में सभी मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में जुटे रहे और प्रशासन ने भी दिनरात एक किया। लेकिन कांग्रेस के लिए बाढ़ भी राजनीति का मुद्दा बन जाते हैं।
चौहान ने प्रतिदिन पौधारोपण के अपने संकल्प के अनुरूप यहां पौधारोपण के बाद पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी जमीन पर रहकर कार्य करती है। बाढ़ की विभीषिका में सभी मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में जुटे रहे और प्रशासन ने भी दिनरात एक किया। लेकिन कांग्रेस के लिए बाढ़ भी राजनीति का मुद्दा बन जाते हैं।
चौहान ने कहा कि जब वे मुख्यमंत्री नहीं थे, तब भी प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर जाते थे। और मुख्यमंत्री के रूप में तो जाते ही हैं। वहीं कमलनाथ बाढ़ पीड़तों के बीच नहीं गए। वे हवाईपट्टी और हेलीपेड से ही सारी स्थितियों का आकलन कर आ गए। चौहान ने कमलनाथ पर हमले जारी रखते हुए कहा कि वे सिर्फ ट्वीट कर देते हैं। इससे आसान राजनीति और नहीं हो सकती। कहीं आना जाना नहीं और बस ट्वीट कर दो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब कमलनाथ मुख्यमंत्री थे, तब मंदसौर में बाढ़ आयी थी और मंत्रिमंडल का एक भी सदस्य एक प्रभावित क्षेत्र में नहीं गया था। जब वे स्वयं (चौहान) धरने पर बैठे, तब श्री कमलनाथ वहां पहुंचे थे और उस समय की राहत राशि अब तक वितरित नहीं हो पायी है। चौहान ने कहा कि आज कमलनाथ पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं, तो वे यह संकल्प भी लें कि वे केवल टि्वटर की राजनीति नहीं करेंगे।
जमीन पर रहकर भी जनता के बीच रहकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि केवल टि्वटर से राजनीति नहीं होती और न ही पार्टी चलती है। चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर भी कटाक्ष किया और कहा कि वे भी अभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से लौटे हैं और यह कहकर आए हैं कि वे राहत राशि और सामग्री भिजवा रहे हैं।
चौहान ने बताया कि वे कल बाढ़ प्रभावित श्योपुर और शिवपुरी जिले में बाढ़ पीड़तिं के बीच गए और उन्हें यह कहते हुए संतोष की अनुभूति हो रही है। सरकार ने बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव पर जोर दिया। अब पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा तात्कालिक राहत और खाद्य सामग्री भी उपलब्ध करायी जा रही है। अब राहत वितरण पर और अधिक जोर देते हुए पुनर्निर्माण पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
चौहान ने कहा कि फसलों को नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। इसमें थोड़ वक्त लगता है। इसके अलावा लोगों के मकान भी टूटे हैं। इन सबकों तात्कालिक राहत मुहैया करायी जा रही है। सरकार के निर्णय के अनुरूप जिन प्रभावितों के पूरे मकान ध्वस्त हुए हैं, उन्हें लगभग एक लाख 20 हजार रुपयों की राहत राशि मुहैया कराने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। बाढ़ के बाद बीमारियां नहीं फैलें, इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में बिजली बहाली का कार्य लगभग पूरा हो गयाहै। कल 05 गांव शेष थे, जहां पूरी तरह से बिजली बहाल नहीं हुयी थी। उनमें से 02 गांव में आज बिजली बहाल की जा रही है। शेष गांवों में भी एक दो दिन में बिजली बहाल हो जाएगी। सड़क और पुल आदि के मरम्मत के कार्य भी प्राथमिकता के आधार पर करने के प्रयास जारी हैं।
चौहान ने बताया कि वे कल बाढ़ प्रभावित श्योपुर और शिवपुरी जिले में बाढ़ पीड़तिं के बीच गए और उन्हें यह कहते हुए संतोष की अनुभूति हो रही है। सरकार ने बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव पर जोर दिया। अब पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा तात्कालिक राहत और खाद्य सामग्री भी उपलब्ध करायी जा रही है। अब राहत वितरण पर और अधिक जोर देते हुए पुनर्निर्माण पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
चौहान ने कहा कि फसलों को नुकसान का आकलन कराया जा रहा है। इसमें थोड़ वक्त लगता है। इसके अलावा लोगों के मकान भी टूटे हैं। इन सबकों तात्कालिक राहत मुहैया करायी जा रही है। सरकार के निर्णय के अनुरूप जिन प्रभावितों के पूरे मकान ध्वस्त हुए हैं, उन्हें लगभग एक लाख 20 हजार रुपयों की राहत राशि मुहैया कराने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। बाढ़ के बाद बीमारियां नहीं फैलें, इसके लिए भी आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रभावित इलाकों में बिजली बहाली का कार्य लगभग पूरा हो गयाहै। कल 05 गांव शेष थे, जहां पूरी तरह से बिजली बहाल नहीं हुयी थी। उनमें से 02 गांव में आज बिजली बहाल की जा रही है। शेष गांवों में भी एक दो दिन में बिजली बहाल हो जाएगी। सड़क और पुल आदि के मरम्मत के कार्य भी प्राथमिकता के आधार पर करने के प्रयास जारी हैं।