कोरोना संक्रमण से ग्रस्त लोगों का इलाज़ करने वाले डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी अपने बचाव के लिए PPE किट, मास्क और हैंड ग्लब्स का इस्तेमाल करते हैं, ताकि इलाज़ करने के दौरान वह वायरस से बचे रहें। इस्तेमाल के बाद PPE किट, मास्क और हैंड ग्लब्स को बायो वेस्ट डिस्पोजल प्लांट द्वारा नष्ट कर दिया जाता है। लेकिन एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें इस वेस्ट को दोबारा बाजार में बेचने के लिए धोया जा रहा है।
मामला मध्य प्रदेश के सतना का है, जहां यूज की गई पीपीई किट को धूल कर पुन बाजार में बेचने के लिए तैयार किया जा रहा है, किट को गर्म पानी में धोकर बंडल बनाए जा रहे हैं, जबकि एक बार यूज करने के बाद किट को पूरी तरीके से नष्ट कर दिया जाता है। उसे दोबारा उपयोग में नहीं लाया जा सकता है। शासन की गाइडलाइन के मुताबिक पीपीई किट, ग्लब्स और मास्क को वैज्ञानिक तरीके से नष्ट करने के लिए बड़खेरा में इंडो वाटर बायो वेस्ट डिस्पोजल प्लांट में भेजा जाता है, लेकिन प्लांट में ऐसा नहीं किया जा रहा है।
वायरल वीडियो पर SDM राजेश साही ने कहा, ये वीडियो बड़खेरा गांव में बायो वेस्टेज प्लांट का है जहां हमारी एक टीम भेजी गई है। उन्होंने जांच कर ली है वे कल रिपोर्ट जमा करेंगे। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा इसमें कितनी सच्चाई है। अगर ये बात सच निकली तो इसमें जरूर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वीडियो में देखा जा सकता है कि कर्मचारी प्लांट प्रबंधन के इशारे पर पीपीई किट को गर्म पानी से धोकर बाकायदा अलग बंडल बनाकर रख देते हैं। 25 मई को देर रात लगभग 11 बजे के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा था। जो बड़खेरा गांव के एक स्थानीय युवक ने चोरी-छुपे बनाया गया है। वीडियो में साफ देखा गया कि कुछ लोग PPE किट और ग्लव्स को एक टब में डालकर धोकर सुखाते हैं। साथ ही प्लांट के अंदर काम कर रहे मजदूर बंडल तैयार करते हैं। जो कि एक दम नए बंडल की तरह दिखता है।