लुधियाना-अटारी : पिछले कई दिनों से पड़ोसी मुलक पाकिस्तान के उस पार बाबा नानक के जन्म स्थल से जुड़ी पावन धरती को चूमने के लिए दिलोजान से तैयारियों में जुटे शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के प्रधान और दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान परमजीत सिंह सरना को दिल्ली से ननकाना साहिब (पाकिस्तान) जाने वाले नगर कीर्तन के जत्थे के साथ जाने से इमीग्रेशन के अधिकारियों ने रोक दिया है। स. परमजीत सिंह सरना देश के विशेषकर दिल्ली- पंजाब और हरियाणा से जुड़ी सिख संगत के बड़े जत्थे की अगुवाई कर रहे थे।
जबकि परमजीत सिंह सरना पाकिस्तान और अबरोट समेत कई देशों की यात्राएं निजी और बिजनेस टूर पर कर चुके है। इसी संबंध में कुछ माह पहले ही पाकिस्तान में जाकर हुकमरानों और पाकिस्तान गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्यों के साथ बैठकें और बाबा नानक से जुड़े धार्मिक प्रचार-प्रसार समेत भारत से ननकाना साहिब तक नगर कीर्तन ले जाने की इजाजत भी ले रखी थी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक अटारी वाघा सरहद पर तैनात भारतीय अधिकारियों ने सरना को उन पर चल रहे किसी पुराने केस का हवाला देकर सरहद पार जाने से रोका है। फिलहाल परमजीत सिंह सरना बेरंग लिफाफे की तरह वापिस दिल्ली लौट आए है। यकायक दिल्ली से आए विशेष आदेश के उपरांत बार्डर पार जाने से रोके जाने पर सरना ने तलखी में बताया कि दिल्ली से आए हुकम के मुताबिक 2008 के एक पुराने केस का हवाला देकर उन्हें गुरूघर में माथा टेकने से रोका गया है।
उन्होंने इसे अपने विरोधियों विशेषकर बादल परिवार की साजिश करार देते हुए कहा कि जिस केस में दिल्ली पुलिस 11 सालों के समय बीत जाने के बादजूद चलान पेश नहीं कर सकी, उन्हें वो केस अब अचानक याद आ गया। सरना ने बातचीत के दौरान कहा कि यह सब बादलों के इशारे पर मोदी सरकार कीसाजिशों है और संगत द्वारा उनको दिए गए प्यार से बौखलाहट में आकर अकालियों और भाजपा ने उन्हें बाबा नानक के घर जाने से रोका है।
अटारी पहुंचे सरना ने यह भी बताया कि दिल्ली से एक फोन के जरिए उसे रोका गया है। उन्होंने भारी मन और रूदन स्वर में कहा कि अगर मोदी को कोई ऐसे केदारनाथ जाने से रोके या फिर अमित शाह के साथ ऐसा घटित हो तो वे कैसा महसूस करेंगे। सरना ने यह भी कहा कि सिखों को उनके गुरूधामों पर जाने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि 15 दिन पहले ही वह पाकिस्तान होकर आए है और समस्त नगरकीर्तन के प्रबंधों को पूरा करके वापिस आए थे, तब उन्हें किसी ने नहीं रोका था।
स्मरण रहे कि श्री गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के संबंध में 28 अक्तूबर को दिल्ली स्थित गुरूद्वारा नानक पियाओ से आरंभ हुआ नगर कीर्तन बीती रात सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब में रूकने के उपरांत आज सुबह सवेरे श्री अकाल तख्त साहिब से ननकाना साहिब के लिए रवाना हुआ था लेकिन परमजीत सिंह सरना के स्थान पर उनके भाई हरविंद्र सिंह सरना इस नगर कीर्तन की अगुवाई कर रहे है। इस नगर कीर्तन के साथ 1270 से अधिक श्रद्धालु मोजूद है।
– सुनीलराय कामरेड