चंद्रमा पर अपार सफलता के बाद अब भारत सूर्य की ओर बढ़ रहा है जी हां चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग के बाद अब भारत सूर्य के रहस्य की खोज करने के लिए आज उड़ान भरेगा। जी हां चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद अब पूरे देश की निगाहें इसरो के सूर्य मिशन की ओर है हम बात कर रहे हैं आदित्य L1 की। जिसका काउंट डाउन अब शुरू भी हो गया है। आज श्रीहरिकोटा की भूमि से आदित्य एल्बम सुबह 11:50 पर लॉन्च हो जाएगा। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर भारत के ऐतिहासिक सफलता के बाद अब हमारा देश सूर्य से जुड़े अनेकों रहस्य को जानने के लिए सफर पर निकलने वाला है। बता दे की लॉन्चिंग कैसे ठीक 127 दिनों बाद आदित्य L1 पॉइंट पर पहुंचेगा। इस पॉइंट पर पहुंचने के बाद आदित्य एल-1 वैज्ञानिकों को कई जानकारियां भेजना शुरू कर देगा।
किसने किया इसका निर्माण?
आदित्य एल 1 मिशन की लॉन्चिंग पर प्रोफेसर आरती कपूर एक बेहद जरूरी बात शेयर की है उन्होंने कहा है कि यह मिशन काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आदित्य एल्बम में कई ऐसे महत्वपूर्ण उपकरण लगे हैं जो सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा। बता दे कि आम तौर पर इसका अध्ययन पूर्ण सूर्य के दौरान ही किया जा सकता है। आदित्य एल्बम की खासियत की बात करें तो यह भारत का पहला सौर मिशन है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण पेलोड विजिबल लाइन एमिसन कोरोना ग्राफ है। जहां इसको इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स द्वारा बनाया गया है।
क्या है पूरी प्रक्रिया?
दरअसल L1 अंतरिक्ष का पार्किंग स्पेस है जहां कई उपग्रह मौजूद है। वहीं आदित्य-एल 1 धरती से 15 लाख km दूर स्थित इस प्वाइंट से ही सूरज की स्टडी करने वाला है। आपको पता है लॉन्चिंग के बाद आदित्य एल 1 वह 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करेगा। बता दे की धरती से सूर्य की दूरी चांद की दूरी से चार गुना है। सबसे पहले आदित्य एल्बम लोअर ऑर्बिट से शुरुआत करेगा। इसके बाद इसे हेलो ऑर्बिट में डाला जाएगा। इस यात्रा में करीबन 109 दिन लगेंगे।