एक ओर जहां सीबीआई के दोनों वरिष्ठ अधिकारी के बीच जंग चल रही है वही , दूसरी ओर सीबीआई के पूर्व अफसर वीवी लक्ष्मीनारायणन ने राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की है। आपको बता दे कि सीबीआई मे पूर्व संयुक्त निदेशक( ज्वाइंट डायरेक्टर) रहे वीवी लक्ष्मीनारायण।
वही , माना जा रहा है कि अगले साल वह चुनाव लड़ेंगे। सूत्र बताते हैं कि वीवी लक्ष्मीनारायण के पास आम आदमी पार्टी, लोकसत्ता और तेलंगाना पीपुल्स पार्टी ने भी ऑफर दिया था जुड़ने के लिए, मगर उन्होंने अपनी पार्टी बनाकर राज्य में चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू की है।
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आपको बता दे कि सीबीआई के दोनों वरिष्ठ अधिकारी के बीच जंग पिछले एक साल से चल रही थी, जो धीरे-धीरे सुर्खियां बटोर रही थी। लेकिन 15 अक्तूबर को आर-पार की लड़ाई में तब बदल गई जब आलोक वर्मा ने अपने दूसरे नंबर के अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराया और अपने ही मुख्यालय में छापा मारकर एक डीएसपी को हिरासत में लिया।
मीडिया में यह खबरें सुर्खियां बनी और दो अधिकारियों की नाक और साख की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई। आलोक वर्मा के खिलाफ भी जांच कमेटी बैठी और अस्थाना के खिलाफ भी। लगातार चल रही सुनवाई के बाद अब कोर्ट अगली सुनवाई 16 नवंबर को होनी है।
साथ ही बता दे कि यह पहली बार नहीं है जब सीबीआई पर और उनके अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे हों। 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की तीखी आलोचना करते हुए इसकी तुलना पिंजरे में बंद तोते से की गई थी।
इसके पिछले दो प्रमुखों रंजीत सिन्हा और ए.पी. सिंह पर भ्रष्टाचार के अभियुक्त बनाए गए, लेकिन फिलहाल जो कुछ चल रहा है, उसको देखते हुए यही कहा जा सकता है कि जो बातें अतीत में सामने आईं वे तो महज छोटी-मोटी फुंसियां थीं, असली नासूर तो अब उभरा है।