राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नेहरू मेमोरियल संग्राहलय और पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधान मंत्री संग्रहालय करने को मंजूरी दे दी है। यह फैसला जून में ही ले लिया गया था और 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन इसे लागू किया गया। अब राष्ट्रपति से भी नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने को मंजूरी मिल गई। बता दें कि नाम बदलने पर कांग्रेस ने विरोध किया था, उन्होंने कहा, भाजपा नेहरु के नाम को हटा सकती है, उनके द्वारा किए गए कार्यों को नहीं।
बैठक में नाम बदलने का लिया गया फैसला
जून के मध्य में, एनएमएमएल सोसाइटी की एक विशेष बैठक के दौरान, इसका नाम बदलकर पीएमएमएल सोसाइटी करने का निर्णय लिया गया। संस्कृति मंत्रालय ने तब कहा था कि उसने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी करने का फैसला किया है। यह निर्णय मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की एक विशेष बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जो सोसाइटी के उपाध्यक्ष हैं, ने की।
21 अप्रैल को जनता के लिए इसे खोला गया
इस परियोजना को नवंबर 2016 में आयोजित अपनी 162वीं बैठक में कार्यकारी परिषद, एनएमएमएल द्वारा अनुमोदित किया गया था। प्रधानमंत्री संग्रहालय को पिछले साल 21 अप्रैल को जनता के लिए खोला गया था। उद्घाटन के दौरान सरकार की ओर से निमंत्रण मिलने के बावजूद नेहरू-गांधी परिवार का कोई भी सदस्य समारोह में मौजूद नहीं था, पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सहित नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्यों ने देश के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया है।