उत्तरप्रदेश की बिजनौर में एक अदालत ने पूर्व मंत्री अशोक कटारिया और बीजेपी नेता कविता चौधरी और शिवसेना के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीर सिंह को 2012 में हेट स्पीच के एक मामले में कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश न होने पर अदालत ने इन सभी को फरार घोषित कर दिया है। इनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया है।
अदालत ने क्यो फरार घोषित किया जाने पूरी कहानी?
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अभिनव यादव की अदालत 19 जनवरी को फिर से मामले की सुनवाई करेगी। वकील डी.के. सिंह ने कहा कि आरोपी बार-बार समन जारी होने के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए। आखिरकार कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित कर दिया और उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया। सब-इंस्पेक्टर ईशेंद्र सिंह ने 3 सितंबर, 2012 को एक पंचायत बैठक के दौरान बिजनौर जिले के बस्ता क्षेत्र के अढ़ाई गांव में मुसलमानों के खिलाफ कथित रूप से नफरत फैलाने वाले भाषण देने के लिए आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।
प्रशासन ने भाषण के दौरान रोक क्यो लगाई?
सूचना मिलने के बाद पुलिस वहां पहुंची और बीजेपी की कविता चौधरी से अपना भाषण रोकने को कहा, अशोक कटारिया, जो बाद में योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री बने, पंचायत की बैठक में भी मौजूद थे, जहां शिवसेना के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वीर सिंह ने भी कथित रूप से नफरत फैलाने वाला भाषण दिया था। पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 188 और आईपीसी की धारा 153 के तहत आरोप पत्र दायर किया था।