उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को यहां राष्ट्रीय राजधानी में राज्य को निवेश के लिए आदर्श गंतव्य बताया और उद्योगपतियों को निवेश के लिये आमंत्रित किया। राज्य के मंत्री और अधिकारियों ने अगले माह प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित होने वाले वैश्विक निवेशक सम्मेलन की तैयारियों के सिलसिले में निवेशकों के साथ बैठक में यह बात कही। यह सम्मेलन 10-12 फरवरी को आयोजित होगा। यह पहल उत्तर प्रदेश को 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक कदम है।
बैठक में जी-20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने उत्तर प्रदेश प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि कंपनियों के लिये निवेश करने को लेकर इससे बेहतर स्थान और कोई नहीं है। इसका कारण राज्य भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और वृद्धि को गति देने वाले प्रमुख कारकों में से एक बन गया है। उन्होंने कहा, ”उत्तर प्रदेश में नीतियों को लेकर एक भरोसा और निरंतरता है। इसके अलावा व्यापार सुगमता, बुनियादी ढांचा और अच्छा घरेलू बाजार के लिहाज से यह राज्य पहले पायदान पर है।’’ वैश्विक निवेशक सम्मेलन को लेकर घरेलू स्तर पर प्रचार-प्रसार और बैठकें पांच जनवरी से 27 जनवरी तक सात शहरों- हैदराबाद, अहमदाबाद, चेन्नई, चंडीगढ़, कोलकाता, दिल्ली और बेंगलुरु में आयोजित की जा रही हैं।
कांत ने कहा, ”मेरा विचार है कि उत्तर प्रदेश में आगामी वर्षों में जेवर हवाईअड्डा बनने, मालगाड़ियों के लिए अलग से पूर्वी और पश्चिमी गलियारा बनने और तेजी से होते शहरीकरण से यह देश की अर्थव्यवस्था और वृद्धि के प्रमुख कारकों में से एक बन जाएगा।” उन्होंने कहा कि सरकार ने कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं और उत्तर प्रदेश इन सभी क्षेत्रों में केंद्र के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाला राज्य बन गया है। कांत ने कहा कि अगर भारत को 9-10 की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ना है तो उत्तर प्रदेश इसका अगुआ होगा। उन्होंने कहा, ”इसलिए, मेरा मानना है कि आगामी दिनों में देश की वृद्धि और समृद्धि को बढ़ाने में उत्तर प्रदेश प्रमुख राज्य होगा।” उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने उद्योगपतियों को निवेश के लिये आमंत्रित करते हुए कहा कि राज्य निवेश के लिहाज से एक आकर्षक गंतव्य है।