आज मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मामले में सुनवाई होगी। आज इलाहाबाद (Allahabad) हाईकोर्ट में मंगलवार को श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मामले की सुनवाई होनी है। दरअसल, हिंदू पक्ष ने अर्जी दाखिल कर विवादित परिसर का रेवेन्यू सर्वे कराए जाने की मांग की है। इस पर मस्जिद पक्ष ने आपत्ति दाखिल करने के लिए समय मांगा था। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन कर रहे हैं।
- कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मामले में आज HC में होगी सुनवाई
- हिंदू पक्ष ने अर्जी दाखिल कर विवादित परिसर का रेवेन्यू सर्वे कराए जाने की मांग
- मामले की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन
मस्जिद पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की
मालूम हो कि कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति फैसले के खिलाफ मस्जिद पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की है, जिसमें आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगी है इसके कारण कमिश्नर की रूपरेखा अभी तय नहीं की जा सकी है।
हिंदू पक्ष की ये है दलील
आपको बता दें इस मामले में हिंदू पक्ष का कहना है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान मस्जिद के नीचे है और वहां कई संकेत हैं, जो स्थापित करते हैं कि मस्जिद एक हिंदू मंदिर था। इसके अलावा मस्जिद के नीचे एक कमल के आकार का स्तंभ और ‘शेषनाग’ की एक छवि भी मौजूद है, जो हिंदू देवताओं में से एक हैं। इतना ही नहीं हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि मस्जिद के स्तंभों के निचले भाग पर हिंदू धार्मिक प्रतीक और नक्काशी है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, काशी और मथुरा का विवाद भी कुछ-कुछ अयोध्या की तरह ही है। हिंदुओं का दावा है कि काशी और मथुरा में औरंगजेब ने मंदिर तुड़वाकर वहां मस्जिद बनवाई थी।औरंगजेब ने 1669 में काशी में विश्वनाथ मंदिर तुड़वाया था और 1670 में मथुरा में भगवा केशवदेव का मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया था।इसके बाद काशी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद बना दी गई।
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