ब्रेन ट्यूमर से हर साल लाखों लोगों की जान जाती है। लोग अपने प्रिय लोगों को खो देते हैं। वहीं ग्लोबल स्केल पर साल 2020 में तीन लाख से अधिक लोगों में मस्तिष्क के ट्यूमर का पता चला था। ऐसे में जरूरी है कि जब आपको ब्रेन ट्यूमर के कोई लक्षण दिखें तो समय रहते इसका इलाज करवा लें क्योंकि यह बिमारी बहुत घातक है। जिसका समय रहते इलाज नहीं कराया गया तो आपकी जान भी जा सकती है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
ब्रेन ट्यूमर की शुरूआता हल्के सिर दर्द से होती है, जो धीरे-धीरे बढ़ता चला जाता है, ऐसे में अगर आप इसे नजरअंदाज करते है तो थोड़ा सावधान हो जाइए क्योंकि समय के साथ यह दर्द बढ़ता चला जाएगा जो बर्दाश्त भी नहीं होगा। ब्रेन ट्यूमर पहले सिर दर्द से शुरू होता है इसके बाद चक्कर आना, उल्टी आना, आखों की रोशनी कम होना या धुंधला दिखाई देना, हर चीज डबल दिखना, हमेशा हाथ- पैर में सनसनी होना जैसे चीजें भी शुरू हो जाती है। वहीं जिसे ब्रेन ट्यूमर है उस व्यक्ति को कोई भी चीज याद करने में समस्या होती, बोलने या समझने में परेशानी, सुनने, स्वाद या स्मेल में दिक्कत होती और लिखने या पढ़ने जैसी दिकक्तो का भी सामना करना पड़ता है।
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार
ब्रेन ट्यूमर के कई प्रकार होते है। जिसमें से कुछ ट्यूमर कैंसर मुक्त होते है तो कुछ ब्रेन ट्यूमर कैंसर होते है। बता दें कि ब्रेन ट्यूमर अगर आपके ब्रेन से शुरू होता है तो उसे प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। यदि शरीर के दूसरे अंग से शुरू होकर ब्रेन तक पहुंचता है तो उसे सेकेंडरी या मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर कहते हैं।
ब्रेन ट्यूमर के कारण
ब्रेन ट्यूमर तब होता है जब मस्तिष्क में या इसके पास की कोशिकाओं के डीएनए में परिवर्तन हो जाता है। हालांकि डीएनए परिवर्तन किन कारणों से होता है इसके बारें में अभी भी कोई स्पष्ट जानकारी मौजूद नहीं है। लेकिन कुछ जोखिम कारक आपमें ब्रेन ट्यूमर या कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले हो सकते हैं। जैसे कुछ प्रकार के रसायनों के संपर्क में आने से इसका जोखिम अधिक हो सकता है। वहीं इसके अलावा ब्रेन ट्यूमर में से लगभग 5% ब्रेन ट्यूमर के लिए पारिवारिक इतिहास जिम्मेदार होता है।
कैसे होता है ब्रेन ट्यूमर का इलाज
यदि ब्रेन ट्यूमर का पता चलता है तो इसका सबसे आम इलाज सर्जरी है। जिसमें मस्तिष्क के स्वस्थ हिस्सों को नुकसान होने से बचाने के लिए कैंसर कोशिकाओं को दूर करना है। सर्जरी के साथ अन्य उपचार माध्यमों जैसे रेडिएशन और कीमोथेरेपी आदि का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
(पंजाब केसरी इसकी पुष्टि नहीं करता है यह सारी सूचना मेडिकल रिपोटर्स और विशेषज्ञों की राय पर बनी है। )