हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा उसे वक्त हो गया जब भारत के चंद्रयान-3 ने चांद की धरती पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर ली। इस पल ने इतिहास बना दिया और अपने आप में एक ऐसे कीर्तिमान को स्थापित कर दिया जिसको हासिल करने के लिए विकसित देश लगातार कोशिश करते रहते हैं। बुधवार शाम 6:04 मिनट का वो समय जब लैडंर मॉड्यूल ने चंद्रमा की सतह को छू लिया और अपने काम की तरफ आगे बढ़ गया। अब इसके बाद भारत ने एक से बढ़कर एक कई रिकॉर्ड बना दिए। आज की खबर में हम आपको बताएंगे कि चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ भारत ने और इसरो ने वह कौन से पांच रिकॉर्ड बनाए हैं जिसको तोड़ना लगभग नामुमकिन है।
पहला रिकॉर्ड
सबसे पहले रिकॉर्ड की बात करें तो भारत दुनिया के उन चार चुनिंदा देशों में शामिल हो चुका है। जो अपने स्पेसक्राफ्ट को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करवाने में सफल हो चुके हैं। रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चौथा देश बन चुका है जिसनें चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग में कामयाबी हासिल कर ली है। भारत ने इस लक्ष्य को दूसरे प्रयास में हासिल किया हैं।
दूसरा रिकॉर्ड
दूसरे रिकॉर्ड की बात करें तो भारत एकमात्र देश बन गया है जिसने चांद की साउथ पोल पर अपने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग करवाई है। इससे पहले चांद के इस जगह पर कोई भी देश नहीं पहुंच पाया है। दावा किया जा रहा था कि रूस का लूना 25 अगर सफल हो जाता है तो वह भी चांद के साउथ पोल पर जाएगा लेकिन तकनीकी खराबी के कारण ऐसा नहीं हुआ।
तीसरा रिकॉर्ड
तीसरी रिकॉर्ड की बात करें तो भारत के उन दो देशों में शामिल हो चुका है जिन्होंने चांद की धरती पर पृथ्वी से रोवर को ऑपरेट किया है। इससे पहले यह काम सिर्फ चीन ने किया है जिसने रोवर को चांद पर ऑपरेट किया था। भारत के चंद्रायन-3 मिशन के तहत रोवर का नाम प्रज्ञान दिया गया है जो कि अब चांद पर अपना काम करना शुरू कर चुका है।
चौथा रिकॉर्ड
चौथा रिकॉर्ड की बात करें तो इसरो ने लॉन्चिंग के साथ-साथ यूट्यूब पर भी एक विशाल रिकॉर्ड बना दिया है। इसरो के यूट्यूब चैनल पर मात्र 1 घंटे के अंदर ही 10 लाख सब्सक्राइबर बढ़ गए और साथ ही साथ चंद्रयान-3 के लोडिंग को लगभग 80 लाख से अधिक लोग एक साथ देख रहे थे जो अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है।
पांचवा रिकॉर्ड
पांचवा रिकॉर्ड की बात करें तो भारत सबसे कम बजट में चांद की सतह को चूमने वाला देश बन गया है इससे पहले जितने भी देश ने चांद पर कदम रखने की कोशिश की है उनका बजट काफी अधिक रहा है लेकिन भारत पर अब इस कृतिमान को भी हासिल कर चुका है और दुनिया के लिए लॉन्चिंग का सबसे प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है।