बारिश की बूंदों की जगह अब बरसेंगे प्लास्टिक! वैज्ञानिकों ने किया चौंकानेवाला खुलासा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

बारिश की बूंदों की जगह अब बरसेंगे प्लास्टिक! वैज्ञानिकों ने किया चौंकानेवाला खुलासा

गर्मी अधिक होते ही हमें उम्मीद करते है, जल्दी से जल्दी बारिश होने की। ताकि मौसम भी सुहावना हो जाएं और हमें गर्मी से राहत भी मिल जाएं। लेकिन अगर कभी ऐसा हो कि बारिश की बूंदों की जगह, प्लास्टिक बरसें तो आपको कैसा लगेगा? हो सकता है ये सुनने में आपक अटपटा लगें लेकिन वैज्ञानिकों ने तो ये ही दावा किया है कि भविष्य में पानी की जगह प्लास्टिक बरस सकती है। जिसके चलते भविष्य में लोगों और पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचेगा।

1600x960 40297 barish

बता दें, इस हैरान करने वाले रिसर्च का खुलासा जापान में शोधकर्ताओं ने किया है। शोधकर्ताओं ने आसमान में बादलों के बीच तैरते हुए नौ प्रकार के पॉलिमर और एक रबर की खोज की है, जो जलवायु के लिए एक चिंताजनक संकेत है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैज्ञानिकों की एक टीम माउंट फूजी और माउंट ओयाम पर छाए हुए बादलों से पानी इकट्ठा करने के लिए चढ़ी थी।

Field green tea Mount Fuji Shizuoka prefecture

जहां उन्होंने पानी के नमूने इकट्ठा किए और फिर उन नमूनों को लैबोरेट्रीज में लेकर गए, जहां एडवांस्ड कंप्यूटर इमेंजिंग ने बादलों से मिले पानी के भौतिक और रासायनिक गुणों का विश्लेषण किया। इस विश्लेषण में पाया गया कि वैज्ञानिकों ने जो पानी इकट्ठा किया है उसमें प्रत्येक लीटर पानी में प्लास्टिक के 6.7 से 13.9 टुकड़े थे, जिनकी माप 7.1 माइक्रोमीटर से लेकर 94.6 माइक्रोमीटर तक या एक इंसानी बाल के व्यास के बराबर थी।

Rainy Morning Images

इस रिचर्स को एनवायर्नमेंटल केमिस्ट्री लेटर्स में पब्लिश किया गया है, जिसमें शोधकर्ताओं ने बादलों में प्लास्टिक की मौजूदगी को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि ये भविष्य में धरती के वायुमंडल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि बादलों में प्लास्टिक के ये कण प्रदूषण की वजह से ही आए हैं और अगर इसपर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो इससे बारिश का पूरा चक्र बिगड़ सकता है, जिसका खामियाजा हमें भविष्य में सूखे के रूप में भुगतना पड़ सकता है।

हालांकि, पानी में प्लास्टिक के कण मिलने वाली खोज 2019 में भी हुई थी। जहां रॉकी माउंटेन नेशनल पार्क की चोटियों सहित कोलोराडो की अलग-अलग जगहों पर बारिश के साथ प्लास्टिक के कण भी बिखरे हुए पड़े मिले थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × 5 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।