दुनिया भर में ना जाने कितनी खाने-पीने की दुकानें है, जो रोजाना खुलती है और लोगों को सामान देती है। मगर आज हम आपको भारत एक ऐसीअनोखी दुकान के बारे में बताने वाले है जो 4 साल में बस एक ही बार खुलती है और एक ही दिन में उसका सारा सामान खत्म हो जाता है। भारत की ये यूनिक दुकान भारत और पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर में है और इस दुकान की एक और खासियात है जिस वजह से फेसम हो रही है।
पश्चिम राजस्थान के सरहदी बाड़मेर जिले में एक दुकान है, जो 4 साल में एक दिन ही खुलती है और इस दुकान पर मात्र 5 रुपए में 2 कोफ़्ते मिलते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आजकल 5 रूपये में क्या ही मिलता है मगर इस दुकान में आपको सिर्फ 5 रूपये में 2 कोफ्ते खाने को मिलते है जिसे लोग बड़े चाव से लेते और खाते हैं। आप सोच रहे होंगे कि जरुर इन कोफ्तों की क्वालिटी बिल्कुल भी अच्छी नहीं होगी।
मगर ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि इन कोफ्तों का साइज और टेस्ट बेहद लाजवाब है जो इस दुकान पर आने वाले हर शख्स को बहुत पसंद आता है। इन कोफ्तों को बहुत ही तरीके और स्वाद के साथ बनाया जाता है और 5 रूपये में मिलने वाले इन कोफ्तों को ड्राई फ्रूट डालकर अच्छे से बनाया जाता है। ड्राई फ्रूट के अलावा इसमें अनार भी डाला जाता है, जो इनके टेस्ट को और बढ़ाता है।
5 रूपये वाले कोफ्तों की रेसिपी के बारे में 4 साल में एक बार सजने वाली इस दुकान के हलवाई कैलाश पूरी ने बताया कि एक दिन के लिए बनाए जा रहे कोफ्ते में 3.5 क्विंटल आलू, 2 क्विंटल बेसन, 10 किलो अनार,10-10 किलो काजू-किशमिश और 3.5 क्विंटल मसालों के साथ खास तैयार किया जाता है। एक क्विंटल मसाले से 3500 कोफ़्ते बनते है जिन्हें बनाने में 8 से 10 घंटों की मेहनत लगती है।
बता दें कि बाड़मेर की ये कोफ्तों की दुकान पुरुषोत्तम मास की नगर परिक्रमा के दिन लगती है। परिक्रमा के दौरान जसदेसर तालाब के पड़ाव में ठहरने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए खासतौर पर इन कोफ्तों को तैयार किया जाता है। आधा दर्जन कारीगर तड़के 2 बजे से कोफ्तें बनाने की तैयारियां में जुट जाते है तब जाकर लोगो के यहाँ पहुँचने पर उन्हें गरमा गरम कोफ़्ते परोसे जाते हैं।