फ्रांस में 'Bastille Day' क्यों मनाया जाता है? और क्या है इतिहास, PM Modi को मिला 'सर्वोच्च सम्मान' - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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फ्रांस में ‘Bastille Day’ क्यों मनाया जाता है? और क्या है इतिहास, PM Modi को मिला ‘सर्वोच्च सम्मान’

पीएम मोदी के साथ हमारे देश के वीर जवान भी इस परेड में शामिल होने वाले है, इसके लिए भारतीय वायुसेना के राफेल और दो ग्लोबमास्टर विमान शामिल होंगे। जानें पूरी कहानी….

इस साल फ्रांस अपना बैस्टिल दिवस काफी धूमधाम तरीके से मना रहा है। 14 जुलाई, 1789 को बैस्टिल पर हुए हमले को फ्रांस में एक सदी से भी अधिक समय से याद किया जाता रहा है। इस बार भी इसका आयोजन किया जा रहा है, जिसमे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खास निमंत्रण पर भारत के प्रधानमंत्री मोदी भी भाग ले रहे है। पीएम मोदी के साथ हमारे देश के वीर जवान भी इस परेड में शामिल होने वाले है, इसके लिए भारतीय वायुसेना के राफेल और दो ग्लोबमास्टर विमान शामिल होंगे। 
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आज की खबर में हम आपको बताने वाले है कि फ्रांस में बैस्टिल या फ्रांस का राष्ट्रीय दिवस क्यों मनाया जाता है। दुनिया के सबसे पुराने फ्रांस का परेड के पीछे की कहानी शुरू होती है, लुई सोलहवें के शासन से उनके शासन के समय में देश भर में काफी आर्थिक तंगी हुई। जिसके बाद चिंगारी की आग सभी जगहों पर फैली 5 मई, 1789 को स्टेट जनरल की बैठक बुलाई गई, लेकिन इस बैठक में किसी भी आम जनता को शामिल नहीं किया, जिसके कारण आम जनता ने वहां के शासन के खिलाफ विद्रोह कर दिया। 
बैस्टिल का तूफान कैसे बढ़ा
कुछ रिपोर्ट्स कहती है कि वर्ष 1789 के वसंत के महीने में एस्टेट-जनरल ने भंग करने से इनकार कर दिया, इसके बजाय खुद को एक घटक नेशनल असेंबली में बदल दिया। जुलाई में, राजा लुईस XVI ने नए सैनिकों को बुलाया और अपने मंत्री को बर्खास्त कर दिया। 14 जुलाई की सुबह पेरिस के लोगों ने प्राचीन शाही किले बैस्टिल की दिशा में मार्च करतना शुरू कर दिया। खूनी गोलीबारी के बाद, भीड़ बैस्टिल में घुस गई और वहां बंदर कैदियों को छुड़ा लिया। बैस्टिल पर हमले ने पुराने शासन को खत्म किया और पहली जीत दर्ज की। दरअसल, इसके बाद के महीनों में इमारत को जमींदोज कर दिया गया।
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पहली बार आयोजन 
14 जुलाई 1790 को आयोजित फेटे डे ला फेडरेशन ने विद्रोह की पहली वर्षगांठ को बड़े धूमधाम से मनाया। पेरिस में, चार्ल्स मौरिस डी टैलीरैंड-पेरिगॉर्ड ने चैंप डे मार्स पर फादरलैंड की वेदी पर मास का आयोजन किया था। जिसके बाद से ये कार्यक्रम हार साल आयोजित होने लगे। 1914-18 के युद्ध की के बाद, 14 जुलाई 1919 को एक महान विजय उत्सव का अवसर था। इसी तरह, 14 जुलाई 1945 से पहले तीन दिन का नागरिक उल्लास मनाया गया।
इस बार का परेड और पीएम मोदी को सम्मान 
हर बार की तरह ही इस बार भी फ्रांस की बैस्टिल दिवस का आयोजन काफी भव्य हो रहा है। इस बार का मौका और भी खास है, क्योकि भर देश के प्रधानमंत्री मोदी इसमें शामिल हो रहे है। आपको साथ ही बता दे इस बार पीएम मोदी को फ्रांस के सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ लीजन ऑफ ऑनर’ से  सम्मानित किया गया है। 
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पीएम मोदी सम्मान पाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इस मौके पर पेरिस में पारंपरिक सैन्य परेड होना और पूरे देश में नृत्य और आतिशबाजी, विशेष रोशनी का आयोजन किया जाता है।

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