फिल्मों में धर्म क्यों बनता जा रहा है धंधा? एक को अच्छा, तो एक को बुरा, जानें पूरी बात - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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फिल्मों में धर्म क्यों बनता जा रहा है धंधा? एक को अच्छा, तो एक को बुरा, जानें पूरी बात

आज हम आपको कुछ ऐसे फिल्मों के बारे में बताने वाले है, जिसमें हिंदू धर्म को किसी न किसी प्रकार से टारगेट किया गया है। सबसे पहले बात करते है फिल्म धर्म संकट पर।

आप सभी को फिल्में देखना काफी पसंद होगा, लेकिन हाल ही के दिनों में सभी के सामने कुछ ऐसी फिल्में आई हैं जिसने एक धर्म विशेष को टारगेट करने का काम किया है। हां ऐसा देखा गया है कि अब जो फिल्में सामने आ रही है उसमें हिंदू धर्म को टारगेट किया जा रहा है। हाल ही के दिनों में आप ने हिंदू धर्म से जुड़ी कई सारी फिल्में देखी हैं और दावे के साथ हम कह सकते हैं कि आने वाले दिनों में आपको धर्मों के ऊपर कई सारी फिल्में सिनेमाघरों में देखने को मिलेगी, क्योंकि अब फिल्मों से हो कर गुजर रहा है। 
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आज हम आपको कुछ ऐसे फिल्मों के बारे में बताने वाले है, जिसमें हिंदू धर्म को किसी न किसी प्रकार से टारगेट किया गया है। सबसे पहले बात करते है फिल्म धर्म संकट पर। 
धर्म संकट में
नसीरुद्दीन शाह, परेश रावल और अनु कपूर जैसे कलाकारों वाली इस फिल्म को फवाद खान ने बनाया है। आपको बता दे फिल्म में मुख्य रोल में परेश नाम का एक हिंदू व्यक्ति है, जो यह जानने के बाद खुद को परेशानी में पाता है कि उसके गोद लेने वाले हिंदू परिवार ने वास्तव में उसे एक मुस्लिम के रूप में अपनाया है। फिर वह अपने असली पिता की तलाश शुरू कर देता है। फिल्म में नसीर ने अपने नील धर्म के नेता नील बाबा का किरदार निभाया है। फिल्म व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए धर्म के शोषण का मजाक उड़ाती है। 
हम बात करे बाबा के गलत छवि को दिखाने कि तो सबसे पहला नाम गुरमीत राम रहीम सिंह इस फिल्म में किसी धर्म को ठेस नहीं पहुंचाया गया है। फिल्म नशे से जुड़े मुद्दे के सामने लाती है। इसके अलावा वेब सीरीज आश्रम में जिस तरीके से बाबा के रूप को दिखाया गया है, वो काफी ही अपमानजनक है। 
फिल्म पीके 
इस फिल्म से आमिर खान के नग्न पोस्टर वाले मामले ने सभी को विरोध करने का मौका दिया था। फिल्म के माध्यम से बताया गया  कि ईश्वर के अस्तित्व की बात करते हुए किस तरह से धर्म के ठेकेदार लोगों की अंधश्रद्धा का दोहन करते हैं। हालांकि कई लोगों ने फिल्म का यह कहते हुए विरोध किया कि इसमें मुख्यतः हिंदू धर्म को निशाने पर रखा गया है। 
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ओ माई गॉड और ओ माई गॉड 2 भी 
इस फिल्म में भी बताया गया कि धर्म के ठेकेदारों को कैसे सबक सिखाया जाएं। अब हाल ही में ओ माई गॉड 2 फिल्म के सामने आने के बाद सभी जगहों पर उसका विरोध सामने आया है।
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इस बार भी बताया गया कि कैसे हिंदुओ के ऊपर टारगेट किया गया। ओ माई गॉड में फिल्म निर्देशक ने फिल्म में सही संतुलन बनाएं रखा। उन्होंने ईश्वर को स्थापित तो किया मगर उसके नाम पर मठाधीशी करने वालों को नकार दिया। यही बात दर्शकों को सबसे ज्यादा पसंद आई। 
आदिपुरुष 
हाल ही में सिनेमा घरों में रिलीज हुई आदिपुरुष फिल्म में भी एक धर्म को टारगेट करने का काम दिया गया। इस फिल्म के डायलॉग ने लोगों को खूब आहत किया है। इस फिल्म में एक और सबसे अनोखी बात लगी कि रावण को एक तरफ ऋषि का पुत्र कहा जाता था वहीं दूसरी तरफ हो राक्षस था लेकिन फिल्म में सिर्फ राक्षस के रोल कोई अच्छे से दिखाया गया है।

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