यूक्रेन के खिलाफ जंग के बीच रूस ने शनिवार को बड़ा फैसला लिया है। रूस ने कहा है कि यूक्रेन के खिलाफ जंग में शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों को वह अपने देश की नागरिकता देगा। इसके साथ ही रूस ने युद्ध के बीच स्वेच्छा से आत्मसमर्पण करने वाले और लड़ने से इनकार करने वालों के लिए सजा को और कड़ा कर दिया है। रूस के इस फैसले से यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या रूसी सेना के पास सैनिकों की कमी है।
यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई को और तेज करने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को देश में सैन्य लामबंदी और मार्शल लॉ की घोषणा की। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ लगभग सात महीने के युद्ध में असफलताओं के बाद अपने देश में आंशिक रूप से सैनिकों की तैनाती की घोषणा करते हुए कहा कि यह उपाय आवश्यक था क्योंकि रूस पूरी पश्चिमी सैन्य मशीन से लड़ रहा है। अधिकारियों ने कहा कि 3,00,000 रिजर्व (आरक्षित सैनिकों) की आंशिक तैनाती की योजना बनाई गई है।
रिजर्विस्ट कौन है?
एक रिजर्विस्ट वह व्यक्ति होता है जो ‘सैन्य रिजर्व फोर्स’ का सदस्य होता है। यह एक नागरिक है जिसे सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है और जरूरत पड़ने पर कहीं भी तैनात किया जा सकता है। यह शांति काल के दौरान सेवाएं प्रदान नहीं करता है। पुतिन ने कहा कि विस्तारित सीमा रेखा, रूसी सीमा पर यूक्रेनी बलों द्वारा जारी गोलाबारी और मुक्त क्षेत्रों पर हमलों के लिए रिजर्व से सैनिकों की वापसी की आवश्यकता है।
यूक्रेन के खिलाफ तेज हमले
यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले इलाकों में मास्को प्रायोजित जनमत संग्रह के बीच शनिवार को रूसी सेना ने यूक्रेन के शहरों पर नए हमले किए। ज़ापोरिज़िया के गवर्नर ऑलेक्ज़ेंडर स्टारुख ने कहा कि रूस ने नीपर नदी शहर को निशाना बनाया और एक मिसाइल ने एक अपार्टमेंट की इमारत को निशाना बनाया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। रूसी सेना ने यूक्रेन के अन्य क्षेत्रों को भी निशाना बनाया और आवासीय भवनों पर हमला किया।