विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने बंगलादेश की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान मंगलवार को कहा कि रोहिंग्याओं की उनके मूल स्थान म्यांमार के राखिने राज्य में पुन: सुरक्षित, शीघ्र और स्थायी वापसी के लिए भारत और बंगलादेश पूरी तरह से सहमत है।
डॉ। जयशंकर ने दोनों देशों की द्विपक्षीय वार्ता के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान तीस्ता नदी जल समझौते के सवाल पर कहा,‘‘तीस्ता नदी जल संधि पर भारत का रुख स्पष्ट है तथा हम अपने रुख पर प्रतिबद्ध है और हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं है।’’
उन्होंने भारत-बंगलादेश के रिश्तों को दक्षिण एशिया में एक आदर्श करार दिया। उन्होंने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे को स्पष्ट रूप से भारत का अंदुरुनी मामला बताया। दोनों मंत्रियों के बीच बातचीत करीब एक घंटे तक चली।
हत्ररात शाह हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान डॉ. जयशंकर ने कहा,‘‘ दोनों देशों के बीच बेहद अच्छा और मजबूत रिश्ता है तथा रिश्तों को और बेहतर करने एंव बातचीत के लिये हमारे पास कई मुद्दे हैं।’’
यात्रा के दौरान श्री मोमेन के साथ मुलाकात से पहले उन्होंने बंगलादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बंगबंधु स्मारक संग्रहालय के दर्शन भी किये। श्री मोमेन ने डॉ.जयशंकर के लिए भोजन का भी आयोजन किया है।
इसके अलावा डॉ जयशंकर बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से भी आज उनके आवास पर करीब पांच बजे मुला़कात करेंगे। बंगलादेश में भारत के उच्चायुक्त रीवा गांगुली भी डॉ जयशंकर के लिए निजी तौर पर रात के खाने का आयोजन करेंगे।
गौरतलब है कि बंगलादेश की यात्रा के बाद वह बुधवार सुबह नेपाल की यात्रा के लिए सीधा काठमांडू रवाना होंगे।