केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में जानवरों के अवशेषों का सही निपटान नहीं होने की वजह से जानलेवा कोरोना वायरस का खतरा सबसे अधिक माना जा रहा है।
विश्वसनीय सूत्रों ने यहां बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमण होने का सबसे अधिक खतरा जानवरों से है और ़खास तौर पर कुत्तों और अन्य पालतू जानवरों से है क्योंकि ये अधिकतर नदी तटों और कूड़दान में पड़ कचरे को खाते हैं।
सूत्रों ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में जानवरों के अवशेषों के निपटारे की कोई ठोस नीति नहीं है और यही वजह है कि मृत जानवरों के अवशेष अक्सर नदियों के किनारों,कूड़ घरों और सड़क किनारे पड़ दिखाई देते है।’’
पशु चिकित्सा अस्पताल ने बताया, ‘‘कोरोना वायरस का संक्रमण छींकने, मल और जानवरों की त्वचा से निकलने वाले पदार्थ से होता है। इसलिए इस महामारी को रोकने के लिए जानवरों के अवशेषों का निपटान सही तरह से किये जाना बहुत महत्वपूर्ण है। कई लोग पालतू जानवरों के मरने के बाद उन्हें खुले में डाल देते है जिससे इस वायरस के फैलने का खतरा और बढ़ जाता है।’’ उन्होंने बताया कि कुत्तों से इस वायरस के फैलने के खतरे की चेतावनी के बाद से विभाग पिछले कुछ दिनों से ही कुत्तों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि जम्मू नगर निगम ने रूप नगर इलाके में सड़कों पर घूमने वाले जानवर जैसे बिल्ली,मवेशी और सूअरों को एक ही स्थान पर रहने की व्यवस्था की है लेकिन सबसे ज्यादा जरुरी यह है कि जानवरों के अवशेषों का निपटान किया जाए।
गौरतलब है कि चीन में कोरोना वायरस का पहला मामला गत वर्ष दिसंबर के आखिर में वुहान में सामने आया था। चीन में इस संक्रमण के कारण 259 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लगभग 12,000 इसकी चपेट में हैं। मौजूदा समय में यह संक्रमण दुनिया के 20 से अधिक देशों में फैल चुका है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे लेकर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की है।