एक तरफ कपकपाती ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढा दी है। तो दूसरी तरफ इस ठड ने लोगों की जान लेना शुरु कर दिया है। दरअसल उत्तर प्रदेश के कानपुर में बीते 9 दिनों में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या बढती जा रही है। हार्ट अटैक से अब तक 131 लोगों की मौत हो चुकी है बता दें 1 जनवरी से 9 जनवरी तक का ये आंकड़ा सिर्फ एक हॉस्पिटल का है।
कानपुर के एल.पी.एस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी से डराने वाले आंकड़े का डेटा सामने आया है।
एक रिपोर्ट को लेकर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ विनय कृष्णा ने बताया कि ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए हॉस्पिटल अलर्ट मोड पर काम कर रहा है। इंस्टीट्यूट ने एक कंट्रोल रूम शुरू किया है। इसके साथ ही सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट की संख्या भी बढ़ाई गई है।
18 जिलों से आए मरीज
वहीं डॉ विनय कृष्णा ने बताया कि LPS इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में आसपास के 18 जिलों से भी मरीज आते हैं। इसलिए सिर्फ ये नहीं कहा जा सकता है कि हार्ट अटैक से जिनकी मौत हुई वो कानपुर के ही थे। उन्होंने कहा कि जान गंवाने वालों में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की बीमारी झेल रहे लोगों की संख्या ज्यादा है।
बता दें कि हार्ट अटैक के रोजाना 20 से 25 मरीज पहुंच रहे है।
इस वजह से आता है हार्ट अटैक
हार्ट अटैक से हो रही मौत को लेकर डॉ विनय ने बाताया की ज्यादा ठंड की वजह से नसें सिकुड़ जाती हैं। कई लोगों के नसों में कोलेस्ट्रॉल की रुकावट पहले से होती है और फिर सर्दी में नस सिकुड़ती हैं। अगर ये रुकावट 40 फीसदी थी तो नसों के सिकुड़ने के बाद 60 से 80 फीसदी तक बढ़ जाती है। ठंड में हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर बढ़ने की ये सबसे बड़ी वजह है। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. बुजुर्ग लोगों को ठंड में बाहर निकलने से बचना चाहिए, वहीं बाकी लोगों को भी खयाल रखना चाहिए. डॉक्टरों के मुताबिक, जहां तक संभव हो घर में रहें और खुद को ठंड से बचाएं।