प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां जी20 शिखर सम्मेलन के इतर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच सामरिक द्विपक्षीय संबंधों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र समेत आपसी एवं वैश्विक हितों के कई मुद्दों पर ‘‘सार्थक चर्चा’’ हुई।
अपने इतालवी समकक्ष मारियो द्रागी के निमंत्रण पर यहां आए प्रधानमंत्री मोदी के साथ मैक्रों से मुलाकात के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी थे।
बैठक के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘रोम में अपने मित्र, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलकर प्रसन्नता हुई। हमारी वार्ता विविध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के इर्द-गिर्द केन्द्रित थी।’’
Ravi de rencontrer mon ami, le président @EmmanuelMacron, à Rome. Nos discussions ont porté sur le renforcement de la coopération dans divers domaines et sur la stimulation des relations entre les peuples. pic.twitter.com/dLW6kwFBXG
— Narendra Modi (@narendramodi) October 30, 2021
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच जी20 ओआरजी शिखर सम्मेलन से इतर सार्थक चर्चा। भारत और फ्रांस विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक सहयोग कर रहे हैं। आज की बातचीत से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गति मिलेगी।’’
Productive discussions between PM @narendramodi and President @EmmanuelMacron on the sidelines of the @g20org Summit. India and France are cooperating extensively in various sectors. Today’s talks will add momentum to the bilateral ties between the two nations. pic.twitter.com/e8QgT6rkVy
— PMO India (@PMOIndia) October 30, 2021
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने विभिन्न विषयों पर भारत-फ्रांस सहयोग पर चर्चा की और रणनीतिक साझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।’’ प्रवक्ता ने बताया कि दोनों नेताओं ने वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रम पर भी चर्चा की।
PM मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को भारत आने का दिया न्योता
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को भारत आने का न्योता दिया है।
फ्रांस द्वारा ऑकस (ऑस्ट्रेलिया-ब्रिटेन-अमेरिका) सुरक्षा साझेदारी की कड़ी आलोचना के बीच, दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर बातचीत के एक महीने से अधिक समय बाद यह बैठक हुई है।
श्रृंगला ने कहा कि बैठक के दौरान ऑकस का मुद्दा उठा लेकिन यह प्रमुख विषय नहीं था। उन्होंने कहा कि क्वाड पर चर्चा नहीं हुई।
अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के ‘क्वाड’ समूह का गठन संसाधन संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करने के लिए किया गया था।
श्रृंगला ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय संघ की हिंद-प्रशांत रणनीति का स्वागत किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने क्षेत्र में स्वतंत्र, खुले और समावेशी नियम-आधारित व्यवस्था के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के वास्ते नए और अभिनव तरीके खोजने के लिए हिंद-प्रशांत में सहयोग करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। आगामी सीओपी 26 पर भी चर्चा हुई।’’
पिछले महीने दोनों देश के बीच टेलीफोन पर हुई थी बातचीत
पिछले महीने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान, दोनों नेताओं ने क्षेत्र को स्थिर, नियम-आधारित और किसी भी आधिपत्य से मुक्त रखने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘‘संयुक्त रूप से कार्य’’ करने पर सहमति व्यक्त की थी।
उस समय, दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग और इस क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा को बढ़ावा देने में भारत-फ्रांस साझेदारी की महत्वपूर्ण भूमिका की समीक्षा की थी।