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शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह को जन्मदिवस पर याद करके पंजाबियों ने लिए प्रण

शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के पेतृक गांव खटकडक़लां में शहीद की यादगरी स्मारक के सामने असंख्य नौजवानों ने भगत सिंह की नितियों पर चलने का प्रण लिया।

लुधियाना-खटकडक़लां : भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंधों में तनामनी के बीच सरहद पार लाहौर में भगत सिंह मेमोरियल और भारत में विशेषकर पंजाब के इलाके खटकडक़लां और हुसैनीवाला के साथ-साथ महानगर लुधियाना, पटियाला और जालंधर समेत कई सीमावर्ती इलाकों से भगत सिंह को 112वें जन्मदिवस वर्षगांठ पर लोगों ने याद करके प्रण लिया कि भगत सिंह तेरी सोच ते.. पहरा देंगे ठोक के, भगत सिंह तेरी सोच ते.. पहरा देंगे ठोक के। 
शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के पेतृक गांव खटकडक़लां में शहीद की यादगरी स्मारक के सामने असंख्य नौजवानों ने भगत सिंह की नितियों पर चलने का प्रण लिया।  
शहीदे आजम भगत सिंह के जन्मदिवस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परमिन्दर मेहता के दरेसी स्थित कार्यलय में एक समारोह का आयोजन कर शहीद को याद किया गया। इस अवसर पर मेहता ने कहा शहीदों ने कभी नही चाहा था कि वह कुर्सी पर काब्जि हो, उन्होंने माृतभूमि की रक्षा के लिए अपनी जानें तक कुर्बान कर दी। 
परमिंद्र मेहता ने यह भी स्पष्ट किया 23 साल की आयु में देश की आजादी के लिए फाँसी की फंदा चुमने बाले भगत सिंह, सुखदेब और राजगुरु आज किसी परिचय के मोहताज नही।  प्रत्येक भारतीय आज भी उनका नाम पूरे सम्मान से लेता है और यह हमारे दिलों पर राज करते रहेंगे।  इस अवसर पर जलेबियां बांट शहीद की याद में मुँह मीठा किया गया।
परमिंद्र मेहता ने कहा कि जब देश का विभाजन हुआ तो देशभक्तों का कोई धर्म नहीं था सभी देशभक्त थे। देशभक्तों की इतनी कद्र है कि वहां आज भी उन्होंने शहीद भगत सिंह का जन्मदिन मनाया है। उन्होंने कहा कि हमे भी मांग उठानी चाहिए कि भगत सिंह को शहीद का दर्जा दिया जाए व भारत रत्न दिया जाए। उन्होंने कहा कि उन्हें बहुत अच्छा लगा कि पाकिस्तान की ओर से भगत सिंह को भारत रत्न देने की मांग उठाई गई है। सरकार की ओर से यह दर्जा देना कोई अहसान नहीं है, क्योंकि वह केवल हमारे शहीद नहीं है। वह देश के शहीद है इसलिए सरकार को भगत सिंह को शहीद का दर्जा देना चाहिए।
 इस अवसर पर सर्व सर्बजीत सिंह बंटी,गुरबचन सिंह,कुलवन्त कुमार,विनोद पम्मी,पवन ठाकुर,राजेश सिधु,रजिंदर सहोता,अशोक कुमार,राहुल मल्होत्रा,वीरभूषण थापर, नरिंदर आहूजा,टिंकू पूजरा,नीरज डेंगरा, दीपक,वेणी,संजीव सहगल, रविंदर अरोड़ा, हर्ष मेहता,रविंदर गोलडी इत्यदि ने शहीद की तस्बीर पर फूल अर्पित कर याद किया।
उधर  फिरोजपुर के हुसैनीवाला में स्थित शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह की स्माध पर लोगों ने शहीदों को याद करते हुए  फिरोजपुर में शहीद भगत सिंह राजगुरु सुखदेव मेमोरियल सोसायटी की तरफ से गुरुद्वारा सारागड़ी से हुसैनीवाला बॉर्डर स्थित शहीद स्मारक तक बाइक रैली निकाली गई। 
इस कार्यक्रम में शहीद भगत सिंह की भानजी गुरजीत कौर ने विशेष तौर पर शिरकत की। गुरजीत कौर ने कहा, जब शहीदों के अथक प्रयासों के चलते अंग्रेजों को भगाने में हम कामयाब हुए तो कोई पाकिस्तानी-हिंदुस्तानी, हिंदू या मुसलमान अलग-अलग नहीं थे, सब भारतवासी थे। यह बात गुरजीत कौर ने उस बात के सवाल पर कही, जो पाकिस्तान के एक वकील द्वारा शहीद भगत सिंह को भारत रत्न से नवाजे जाने की मांग संबंधी पूछा गया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग शहीद भगत सिंह को अपना मानते हैं, पर हमारी सरकार नहीं।
फिरोजपुर पहुंची शहीद भगत सिंह की भानजी गुरजीत कौर ने कहा कि देश में बहुत सी सरकारें आई, मगर किसी ने भगत सिंह को शहीद का दर्जा नहीं दिया। क्यों नहीं इस देश की सरकारों को शहीद की शहादत की याद आई। उन्होंने पाकिस्तान के एक एडवोकेट की ओर से भारत के प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शहीद भगत सिंह को भारत रत्न अवार्ड दिए जाने की मांग के सवाल पर कहा, मुझे अफसोस है कि हमारे देश की सरकारों ने तो भगत सिंह को शहीद का दर्जा तक नहीं दिया वहीं मुझे खुशी है कि पाकिस्तान के लोग भगत सिंह को अपना शहीद मानते हैं। उन्होंने बहुत बढ़िया काम किया है कि भगत सिंह को भारत रत्न दिलाने के लिए मांग उठाई है।
उधर फिरोजपुर के साइकलिस्ट सोहन सिंह सोढी साइकल से शहीद भगत सिंह के नवांशहर स्थित जन्मस्थान खटक डक़लां से मिट्टी लेकर फिरोजपुर पहुंचे। यहां हुसैनीवाला शहीद स्मारक पर इस मिट्टी से शहीद भगत सिंह को समर्पित पौधा लगाया गया।
– सुनीलराय कामरेड

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